Edited By Supreet Kaur,Updated: 08 Aug, 2019 10:08 AM
राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने रियल एस्टेट कंपनी यूनिटेक लिमिटेड को नोएडा में एक खरीदार को उसे आबंटित प्लॉट का कब्जा समय पर नहीं देने के कारण 92.77 लाख रुपए और मुआवजे के रूप में 25000 रुपए लौटाने का आदेश दिया है। यह निर्देश ....
बिजनेस डेस्कः राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने रियल एस्टेट कंपनी यूनिटेक लिमिटेड को नोएडा में एक खरीदार को उसे आबंटित प्लॉट का कब्जा समय पर नहीं देने के कारण 92.77 लाख रुपए और मुआवजे के रूप में 25000 रुपए लौटाने का आदेश दिया है। यह निर्देश तब सुनाया गया जब शीर्ष उपभोक्ता आयोग एक शिकायतकर्ता की सुनवाई कर रहा था, जिसने आरोप लगाया था कि प्लॉट बुकिंग के लिए 2.07 करोड़ रुपए से ज्यादा का भुगतान करने के बाद भी डेवलपर ने प्लॉट का कब्जा नहीं दिया।
क्या है मामला
जानकारी के मुताबिक डेवलपर ने शिकायतकर्ता को अभी तक 92.52 लाख रुपए की राशि का भुगतान नहीं किया है। मुआवजे का निर्देश देते हुए, उपभोक्ता पैनल ने कहा, शिकायतकर्ता द्वारा दायर किए गए दस्तावेज उसके द्वारा किए गए आबंटन के साथ-साथ डेवलपर को दिए गए भुगतान को भी प्रमाणित करते हैं। चूंकि प्लॉट के कब्जे की भी उसे पेशकश नहीं की गई है, इसलिए उसे प्लॉट के लिए लंबे समय तक इंतजार करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है और उसके द्वारा जमा कराई गई राशि को वापिस किया जाए।
18 महीने में देना था कब्जा
शिकायतकर्ता अनीता कौल बसु ने आरोप लगाया था कि उन्होंने नोएडा में यूनिटेक के एक प्रोजेक्ट में प्लॉट बुक किया था। शिकायतकर्ता द्वारा लगाए गए आरोपों को ध्यान में रखते हुए पीठ ने कहा कि आबंटन के नियमों और शर्तों के अनुसार प्लॉट का कब्जा अठारह महीनों के अंदर दिया जाना चाहिए था जिसका मतलब कि शिकायतकर्ता को अप्रैल 2011 को या उससे पहले प्लॉट का कब्जा मिल जाना चाहिए था। उपभोक्ता फोरम के समक्ष शिकायतकर्ता ने ब्याज के रूप में मुआवजे की मांग की और समझौते से संबंधित नियमों का हवाला देते हुए कहा कि अगर किसी भी कारण से डेवलपर प्लॉट की पेशकश करने की स्थिति में नहीं है तो डेवलपर आवंटी को एक वैकल्पिक संपत्ति की पेशकश या प्रति वर्ष 10 फीसदी की साधारण ब्याज के साथ राशि वापस करनी होगी।