अमेरिकी कंपनी एच-1बी वीजा उल्लंघनों के लिए 3.45 लाख डॉलर का भुगतान करेगी

Edited By rajesh kumar,Updated: 17 Sep, 2020 03:33 PM

us company to pay 3 45 million for h 1b visa violations

न्यूजर्सी स्थित एक कर्मचारी भर्ती कंपनी ने इन आरोपों को निपटाने के लिए 3.45 लाख अमेरिकी डॉलर देने पर सहमति जताई है कि उसने अमेरिका में एच-1बी वीजा पर कर्मचारियों को लाने के दौरान आव्रजन और रोजगार नियमों का उल्लंघन किया है।

वाशिंगटन: न्यूजर्सी स्थित एक कर्मचारी भर्ती कंपनी ने इन आरोपों को निपटाने के लिए 3.45 लाख अमेरिकी डॉलर देने पर सहमति जताई है कि उसने अमेरिका में एच-1बी वीजा पर कर्मचारियों को लाने के दौरान आव्रजन और रोजगार नियमों का उल्लंघन किया है। एच-1बी वीजा गैर-आव्रजक वीजा है। इसके जरिये अमेरिकी कंपनियां विशेषज्ञता वाले पदों पर विदेशी पेशेवरों की नियुक्ति कर सकती हैं। भारतीय आईटी पेशवरों के बीच एच-1बी वीजा की सबसे अधिक मांग रहती है।

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अमेरिका में आव्रजन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन (आईसीई) की आंतरिक सुरक्षा जांच (एचएसआई), श्रम विभाग और न्यूजर्सी जिले के अटॉर्नी ने सैवन्टिस को एच-1बी संबंधी उल्लंघनों के संबंध में लगाए गए आरोपों के समाधान के लिए 3.45 लाख डॉलर के भुगतान का आदेश दिया था।

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सैवन्टिस, जिसका नाम पहले वैदिकसॉफ्ट था, की उपस्थिति भारत में भी है। कंपनी एच-1बी वीजा के जरिए अमेरिकी में विदेश नागरिकों को नियुक्ति दिलाने के साथ ही परामर्श, प्रौद्योगिकी और कर्मचारी मुहैया कराने जैसे कार्यों में शामिल है।

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आईसीई ने सोमवार को एक बयान में कहा कि जांच में पाया गया था कि जनवरी 2014 से जून 2018 तक सैवन्टिस के कई एच-1बी वीजाधारक कर्मचारियों को नियमित अंतराल पर जरूरी वेतन का भुगतान नहीं किया गया। बयान में कहा गया कि इसके अलावा भी सैवन्टिस कई अनियमितताओं में शामिल पाई गई।

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