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उत्तर प्रदेश में नई निर्यात नीति से पांच साल में निर्यात तिगुना करने की योजना

Edited By jyoti choudhary,Updated: 28 Apr, 2025 04:04 PM

uttar pradesh plans to triple exports in five years with new export policy

उत्तर प्रदेश सरकार नए बाजारों एवं उत्पादों के सहारे अगले पांच वर्षों में राज्य से होने वाले निर्यात को तिगुना करके पांच लाख करोड़ रुपए से अधिक करने और निर्यात को बढ़ावा देने की नीति पर काम कर रही है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए राज्य सरकार...

नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश सरकार नए बाजारों एवं उत्पादों के सहारे अगले पांच वर्षों में राज्य से होने वाले निर्यात को तिगुना करके पांच लाख करोड़ रुपए से अधिक करने और निर्यात को बढ़ावा देने की नीति पर काम कर रही है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए राज्य सरकार 2025-30 के लिए एक नई निर्यात नीति पर काम कर रही है, जिसे जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है। उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास और निर्यात प्रोत्साहन मंत्री नंद गोपाल गुप्ता 'नंदी' ने कहा कि नई नीति में निर्यात को 2023-24 के 1.7 लाख करोड़ रुपये से 2030 तक तिगुना करने पर मुख्य रूप से ध्यान होगा। इसमें पूंजी सब्सिडी और निर्यातकों के लिए रियायतें भी शामिल होंगी। 

उन्होंने कहा, "हमने देश भर में विभिन्न सरकारों की निर्यात नीतियों का गहन अध्ययन किया है और अपनी मसौदा नीति में सर्वोत्तम तौर-तरीकों को जगह दी है। हमारा उद्देश्य देश के समग्र निर्यात में उत्तर प्रदेश के योगदान को पर्याप्त रूप से बढ़ाना है और प्रस्तावित नीति उस दिशा में एक कदम होगी।" नई नीति में निर्यात अवसंरचना विकसित करने के लिए निवेशकों को पूंजी सब्सिडी जैसी सुविधाएं देने का भी प्रस्ताव है। इसके अलावा एक डिजिटल सूचना केंद्र स्थापित करने का भी प्रस्ताव है जो निर्यातकों को सभी प्रासंगिक जानकारी मुहैया कराएगा। 

मंत्री ने कहा कि प्रस्तावित नीति में निर्यात अवसंरचना के निर्माण के लिए निवेशकों को 10 करोड़ रुपए तक की पूंजी सब्सिडी प्रदान करने का प्रस्ताव है। उन्होंने कहा कि एक समर्पित निर्यात संवर्धन कोष स्थापित किया जाएगा, जिसका उपयोग वैश्विक सम्मेलनों में 'ब्रांड यूपी' को बढ़ावा देने के लिए किया जाएगा और निर्यातकों को भारतीय निर्यात ऋण गारंटी निगम (ईसीजीसी) के तहत वार्षिक प्रीमियम के भुगतान के लिए पांच लाख रुपए तक की सहायता भी दी जाएगी। इस नीति में प्रत्येक निर्यातक इकाई को 16 लाख रुपए की मौजूदा व्यवस्था के मुकाबले हर साल 25 लाख रुपए की सहायता देने की भी योजना है। 

नई नीति से निर्यातकों को बंदरगाह तक माल पहुंचाने के लिए हर साल 30 लाख रुपए तक का प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है। वित्त वर्ष 2023-24 में उत्तर प्रदेश से निर्यात 1.70 लाख करोड़ रुपए रहा था और देश के कुल निर्यात में इसकी हिस्सेदारी 4.71 प्रतिशत थी। वहीं वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही में राज्य से 87,151 करोड़ रुपए का निर्यात हुआ था। उत्तर प्रदेश से प्रमुख तौर पर इलेक्ट्रिकल मशीनरी, मांस, परिधान, जूते, मोती और कीमती पत्थर, कालीन, फर्नीचर, एल्यूमीनियम उत्पाद, चमड़े के उत्पाद, जैविक रसायन, प्लास्टिक और अनाज का निर्यात होता है।
 

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