खुलासाः पहलगाम हमले में अमेरिकी कनैक्शन, पाक ने तस्वीरें मंगवाकर रची खूनी साजिश

Edited By Updated: 10 May, 2025 12:28 AM

orders for pahalgam images appeared on us satellite firm last year

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम  में   22 अप्रैल 2025 को  हुए भीषण आतंकी हमले में अमेरिकी कनैक्शन काचौंकाने वाला खुलासा हुआ है। इससे पाकिस्तान की गंदी चाल और...

International Desk:  जम्मू-कश्मीर के पहलगाम  में   22 अप्रैल 2025 को  हुए भीषण आतंकी हमले में  अमेरिकी कनैक्शन काचौंकाने वाला खुलासा हुआ है। इससे पाकिस्तान की गंदी चाल और अमेरिका से गठजोड़ की चाल भी बेनकाब हो गई है। एक अमेरिकी स्पेस टेक कंपनी  मैक्सर टेक्नोलॉजीज (Maxar Technologies)  के डेटा से खुलासा हुआ है कि हमले से दो महीने पहले तक  पाहलगाम और आसपास के सैन्य इलाकों की हाई-रिज़ोल्यूशन सैटेलाइट इमेजिंग के ऑर्डर अचानक दोगुने हो गए थे ।
 

संदिग्ध गतिविधि का टाइमलाइन
2 फरवरी से 22 फरवरी 2025  के बीच केवल 20 दिन में 12 ऑर्डर पाहलगाम क्षेत्र के लिए दिए गए। यह संख्या सामान्य की तुलना में  दोगुनी  है। सिर्फ यही नहीं, इन इमेज ऑर्डर की शुरुआत जून 2024 * में ही हो गई थी  ठीक उसी वक्त जब मैक्सर ने  पाकिस्तान की एक कुख्यात जियो-स्पैशियल कंपनी "Business Systems International Pvt Ltd (BSI)"  के साथ साझेदारी की घोषणा की थी।

 

कौन है BSI? क्यों है भारत के लिए खतरा?
 BSI  के मालिक  ओबैदुल्ला सैयद को अमेरिकी अदालत ने दोषी करार देकर जेल भेजा था । उस पर आरोप था कि उसने अवैध रूप से उच्च-प्रदर्शन वाले कंप्यूटर और सॉफ्टवेयर अमेरिका से पाकिस्तान के  Atomic Energy Commission (PAEC)  को भेजे — जो  परमाणु हथियारों और मिसाइलों का विकास करता है।क्या यह महज इत्तेफाक है कि वही कंपनी अब एक अमेरिकी सैटेलाइट सेवा प्रदाता से जुड़ कर भारत के सैन्य क्षेत्रों की तस्वीरें हासिल कर रही है?

 

 किन क्षेत्रों की ली गईं तस्वीरें?

  •  पाहलगाम 
  •  पुलवामा 
  •  अनंतनाग 
  •  राजौरी 
  •  पुंछ 
  •  बारामूला 

ये सभी इलाके भारत के लिए  सुरक्षा दृष्टिकोण से बेहद संवेदनशील  हैं। हर तस्वीर की कीमत करीब ₹3 लाख से शुरू होती है, और क्वालिटी के हिसाब से कई गुना बढ़ जाती है। ISRO के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने बताया कि “यह साफ है कि इन सैटेलाइट इमेजिंग का इस्तेमाल आतंकियों की प्लानिंग में किया जा सकता है। भारत को तुरंत मैक्सर से इस पूरे मामले की जांच करवानी चाहिए।”  लेफ्टिनेंट जनरल ए.के. भट्ट (सेवानिवृत्त) जो अब  इंडियन स्पेस एसोसिएशन (ISpA) के डायरेक्टर जनरल हैं, उन्होंने कहा कि  “सैटेलाइट इमेजिंग आज इंटेलिजेंस का रीढ़ बन चुका है। लेकिन जब यही तकनीक पाकिस्तान जैसे आतंक-प्रेमी देश और उसके दलालों के हाथ में जाती है, तो यह भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा बन जाती है।”

 
क्या थी पाकिस्तान की साजिश?

  •  हाई-रिज़ोल्यूशन सैटेलाइट इमेज के जरिए भारतीय सेना की तैनाती, सुरक्षा ठिकानों और मूवमेंट की निगरानी  करना।
  •  आतंकी संगठनों को  सटीक टारगेटिंग में मदद देना।
  •  आतंकियों को  रूट मैपिंग और छिपने के सुरक्षित रास्ते मुहैया कराना।
  •  भारत के अंदरूनी सुरक्षा नेटवर्क को कमजोर करने की रणनीति ।

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