Edited By jyoti choudhary,Updated: 05 May, 2025 02:18 PM

देश के 5.77 करोड़ सूक्ष्म और लघु उद्यमों (एमएसएमई) के लिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) की शुरुआत, 8 अप्रैल 2015 को, एक ऐतिहासिक कदम साबित हुई। इसका उद्देश्य उन लोगों को बिना जमानत के ऋण उपलब्ध कराना था, जो पहले कभी औपचारिक बैंकिंग प्रणाली से...
नई दिल्लीः देश के 5.77 करोड़ सूक्ष्म और लघु उद्यमों (एमएसएमई) के लिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) की शुरुआत, 8 अप्रैल 2015 को, एक ऐतिहासिक कदम साबित हुई। इसका उद्देश्य उन लोगों को बिना जमानत के ऋण उपलब्ध कराना था, जो पहले कभी औपचारिक बैंकिंग प्रणाली से कर्ज नहीं ले पाए थे। यह योजना पहली बार कारोबार शुरू करने वालों और छोटे व्यापारियों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में मील का पत्थर रही है।
तीन श्रेणियों में दिए जाते हैं मुद्रा लोन:
- शिशु – ₹50,000 तक का लोन
- किशोर – ₹5 लाख तक का लोन
- तरुण – ₹10 लाख तक का लोन
हर श्रेणी को विशेष रूप से अलग-अलग स्तर के व्यापार की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए डिज़ाइन किया गया है। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना अब भारत के एमएसएमई क्षेत्र को आगे बढ़ाने का एक मजबूत आधार बन चुकी है और भारत की आर्थिक वृद्धि की कहानी में एक अहम योगदान दे रही है।