मलोया के फ्लैटों का जल्द मिलेगा आवेदकों को पजेशन

Edited By pooja verma,Updated: 27 May, 2019 08:34 PM

applicants soon will get the possession maloya flats

इंडस्ट्रीयल एरिया कालोनी नंबर चार को जल्द ही चंडीगढ़ प्रशासन खाली कराने जा रहा है।

चंडीगढ़ (साजन): इंडस्ट्रीयल एरिया कालोनी नंबर चार को जल्द ही चंडीगढ़ प्रशासन खाली कराने जा रहा है। यहां के करीब 2300 बाशिंदों को मलोया में जल्द ही फ्लैट का पजेशन दे दिया जाएगा। इसके साथ ही कालोनी को खाली  कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। 

 

मलोया में पुनर्वास योजना के तहत 4960 फ्लैट बने हैं। सी.एच.बी. ने ये फ्लैट तैयार किए हैं। आवेदकों को उनके फ्लैट के नंबर तो पहले ही बता दिए गए थे लेकिन लोकसभा चुनाव की वजह से कोड ऑफ कंडक्ट लग गया था जिसकी वजह से पजेशन देने का काम आगे नहीं बढ़ पाया था। 

 

सालों से जिस आशियाने को लेकर लोगों में कसक थी कि कब उनको फ्लैट्स की चाबी मिलेगी तो उनके लिए खुशखबरी है कि अगले सप्ताह यानी जून के दूसरे सप्ताह से इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। 

 

मलोया में पुनर्वास योजना के तहत बने 4960 फ्लैट्स की चाबी दिए जाने को लेकर सी.एच.बी. की ओर से सभी तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। कॉलोनी नंबर 4 से लोगों को किस तरह से मलोया शिफ्ट किया जाए इसको लेकर आलाधिकारियों ने मीटिंग करनी शुरू कर दी है। चाबी देने के साथ साथ ही लाभार्थियों से कालोनी नंबर चार भी खाली करवाई जाएगी। 

 

मंथन ये चल रहा है कि चाबी मलोया में बने कम्युनिटी सैंटर में दी जाए, या सी.एच.बी. कार्यालय मेें क्योंकि एक दिन में 2300 से अधिक लोगों को कालोनी नंबर चार से शिफ्ट नहीं किया जा सकता है, इसके लिए पर्याप्त पुलिस बल की आवश्यकता भी होगी। 

 

बता दें कि प्रशासक वी.पी. सिंह बदनौर ने मार्च में इस पुनर्वास योजना के अंतर्गत बने 4960 फ्लैट्स का शुभारंभ किया था लेकिन कोड ऑफ कंडक्ट के चलते यहां की चाबी लाभार्थियों को नहीं सौंपी गई थी।

 

मालिक नहीं होंगे अलॉटी
इस योजना में खास बात यह है कि फ्लैट की चाबी मिलने के बाद आप स्वयं को इसका मालिक न समझें। इसके लिए आपको 20 साल तक इंतजार करना पड़ेगा। अलॉटियों को अभी हर माह एक हजार रुपए के रैंट पर यह फ्लैट्स दिए जा रहे हैं। 

 

आगामी 20 साल तक सभी आवंटियों को लाइसैंस फीस जमा करनी होगी। इसके बाद प्रशासन के द्वारा यह निर्णय लिया जाएगा कि आपको फ्लैट का मालिकाना हक दिया जाए या नहीं। अगर 20 साल बाद आपको मालिकाना हक दिया जाएगा तो इसके लिए अलग से आपको प्रशासन द्वारा निर्धारित धनराशि जमा करानी होगी। 

 

इसके लिए अभी प्रशासन द्वारा पॉलिसी बनाई जा रही है। आवंटियों को फ्लैट्स अलॉट होने के बाद लगातार 20 साल तक एक हजार रुपए लाइसैंस शुल्क जमा करना होगा। इसके बाद ही उन्हें मालिकाना हक मिल पाएगा। 

 

अगर बीच में लाइसैंस शुल्क जमा करने में कुछ विलंब होता है तो इसकी पूरी जानकारी प्रमाण सहित सी.एच.बी. को बताना होगा। यदि सी.एच.बी. को आपके तर्क सही लगे तो ठीक है। अन्यथा आपको मालिकाना हक मिल पाना संभव नहीं है। यहां पर लगभग पांच हजार लोगों को फ्लैट्स मिलने हैं।


दो स्कूलों का निर्माण
मलोया में सोशल इन्फ्रास्ट्रक्चर में 2 स्कूल, सामुदायिक केंद्र, जंज घर का भी निर्माण किया गया है। निवासियों की दैनिक आवश्यकताओं के लिए। 7 पोर्टा केबिन का निर्माण किया गया है और 2 स्थानों को वेरका, वीटा मिल्क बार की स्थापना के लिए रखा गया है। इसके अलावा इस क्षेत्र में 2 बस क्यू शैल्टर का निर्माण किया गया है।

 

मिलेंगी हर सुविधाएं
मलोया में आवंटियों की सुरक्षा को देखते हुए सी.एच.बी. पुलिस विभाग को 16 फ्लैट्स अलॉट करेगा। यह फ्लैट पुलिस पोस्ट के लिए होंगे। दो फ्लैट्स पोस्ट ऑफिस के लिए होंगे। 1 फ्लैट संपर्क सैंटर और एक ए.टी.एम. के लिए रखा गया है। 

 

यहां दो कम्युनिटी सैंटर, दो स्कूल के साथ ओपन एयर जिम और मार्कीट भी होगी। चार फ्लैट्स हैल्थ डिपार्टमैंट को डिस्पैंसरी के लिए अलॉट किए जा रहे हैं।

 

एडवाइजर मनोज परिदा: मलोया पुनर्वास योजना के तहत आवेदकों को एक हफ्ते के भीतर पजेशन देना शुरू  कर दिया जाएगा। डी.सी. मनदीप सिंह बराड़ कालोनी नंबर चार को खाली कराने की योजना बना रहे हैं। 

 

इसके लिए जल्द तारीख निश्चित कर दी जाएगी। कालोनी खाली कराने के लिए बड़े स्तर पर पुलिस की व्यवस्था करनी पड़ेगी। इस खाली कराई जगह पर ग्रीन बैल्ट विकसित करने की योजना है। 

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