बेअदबी मामला : सी.बी.आई. ने सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर पढऩे को मांगा समय

Edited By pooja verma,Updated: 27 Feb, 2020 01:15 PM

cbi asked for time to read order of supreme court

मोहाली सी.बी.आई. की विशेष अदालत में बुधवार के सी.बी.आई. ने अर्जी अप्लाई कर 15 दिन का समय मांगा और कहा कि हाल ही में जो सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया है, उसमें क्या लिखा हुआ है उन्हें इसे बारे में बारीकी से नहीं पता। इसलिए उसे पढऩे के लिए उन्हें समय...

मोहाली (राणा): मोहाली सी.बी.आई. की विशेष अदालत में बुधवार के सी.बी.आई. ने अर्जी अप्लाई कर 15 दिन का समय मांगा और कहा कि हाल ही में जो सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया है, उसमें क्या लिखा हुआ है उन्हें इसे बारे में बारीकी से नहीं पता। इसलिए उसे पढऩे के लिए उन्हें समय दिया जाए। लेकिन इस पर एतराज जताते हुए सरकारी वकील संजीव बतरा ने सी.बी.आई. की मांग का विरोध करते हुए कहा कि इस केस की सुनवाई में पहले ही काफी देरी हो चुकी है और जो सुप्रीम कोर्ट की ओर से आर्डर दिया गया है। उसे सी.बी.आई.पहले ही पढ़ चुकी है, इसलिए उन्हें ओर समय न दिया जाए। अगर समय देना भी है तो सिर्फ हफ्ते का समय दिया जाए। जिसके बाद कोर्ट ने केस की अगली सुनवाई की तारिख 8 मार्च तय कर दी।

 

पंजाब सरकार ने भी उठाए सवाल
वहीं, पंजाब सरकार ने भी सी.बी.आई. की समय देने संबधी अजी पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हे पहले ही काफी समय दिया जा चुका है। उनके द्वारा दी एक अर्जी पेंडिग है और अब वह और समय मांग रहे हैं। वहीं शिकायकर्ता के वकील सतनाम सिंह कलेर ने कहा की हैरानी की बात है कि सी.बी.आई. ने सरकार को मोहाली कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट को पार्टी बना लिया। लेकिन जो शिकायतकर्ता है उनका इसे लेकर क्या कहना है। यह अधिकार शिकायतकर्ता का होता है। 

 

क्लोजर रिपोर्ट का फैसला नहीं, नई अर्जियां लगाई
सरकारी वकील संजीव बतरा ने कहा कि वह पहले दिन से ही मांग कर रहे हैं कि इस केस की जांच के सारे दस्तावेज उन्हें दिए जाएं लेकिन इस बारे में सी.बी.आई. कुछ नहीं बोल रही है। शिकायतकर्ता की कोई सुनवाई न होकर सिर्फ अर्जी ही दाखिल हो रही है। वहीं सरकारी वकील ने शिकायतकर्ता के वकील सतनाम कलेर पर कोर्ट को गुमराह करने का आरोप लगाया। कोर्ट ने कलेर को फटाकर लगाई और सुनवाई 2 बजे फिर से शुरू करने के लिए कहा।

 

कॉपी लेने आए थे आई.जी. कुंवर विजय प्रताप
सुप्रीम कोर्ट की ओर से बेअदबी मामले में दिया गया फैसला पंजाब सरकार के पक्ष में सुनाया है। बेअदबी मामले की जांच पंजाब पुलिस करेगी, जिसे लेकर सी.बी.आई. में भी हलचल है। बुधवार को मोहाली सी.बी.आई. अदालत में केस की सुनवाई दौरान पंजाब सरकार की ओर से बेअदबी मामले में बनाई एस.आई.टी. के मैंबर आई.जी. कुंवर विजय प्रताप सिंह भी वहीं मौजूद थे। सुप्रीम कोर्ट के आर्डर के बाद ही केस से जुड़ी सभी कॉपियां लेने पहुंचे थे। 

 

हाईकोर्ट जाने की बात कह चुके
बेअदबी मामले में पिछली सुनवाई पर शिकायतकर्ता के वकील, सी.बी.आई. व पूर्व विधायक हरबंस सिंह जलाल ने बहस करते हुए दलीलें पेश की थी। सुनवाई के दौरान पजांब सरकार की ओर से सरकारी वकील संजीव बत्तरा व पंजाब पुलिस के ए.आई.जी. (क्राइम) सर्वजीत सिंह भी कोर्ट में मौजूद थे। कोर्ट ने विभिनन पहलूओं को देखते हुए पूर्व विधायक जलाल की इस केस में सरकारी गवाह बनने की अर्जी को खारिज कर दिया। 

 

वहीं पूर्व विधायक हरंबस सिंह जलाल ने बुधवार को सी.बी.आई. कोर्ट की ओर से दिए गए फैसले पर हैरानी जताते हुए कहा कि वह इसंाफ के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटकाएंगे। बेअदबी मामला सिख धर्म के साथ जुड़ा है और प्रत्येक सिख को इस केस में सरकारी गवाह बनने का पूरा हक है। जलाल ने कहा कि कोर्ट से आज के फैसले की कॉपी मिलने के बाद उनकी ओर से कानूनी सलाहकारों से बात करने उपरांत हाईकोर्ट में चुनौती दी जाएगी। 

 

हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जा चुकी
सी.बी.आई. के जांच अधिकारी ए.एस.पी. अनिल कुमार यादव ने नए सिरे से विभिन्न अर्जीयां दायर कर जांच टीम को ओर समय देने के लिए कहा। हाईकोर्ट की ओर से पंजाब सरकार की सी.बी.आई. से केस वापस लेने संबधी विधानसभा में प्रस्ताव पास करने के उपरांत जारी डी-नोटिफिकेशन को सही करार देने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देना है। इस संबधी केंद्र सरकार के गृह मत्रांलय से मंजूरी मांगी गई है। इससे अलावा पुलिस अधिकारियों ने भी हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।

 

सी.बी.आई. व पंजाब सरकार को प्रोटैस्ट पिटीशन की कॉपी न दें
वहीं, शिकायकर्ता रणजीत सिंह बुर्जसिंह वाला और ग्रंथी गौरा सिंह के वकील गगन परदीप सिंह बल ने धारा-395 अधीन बुधवार को करीब 250 से अधिक पेजों की प्रोटैस्ट पटीशन दायर कर सी.बी.आई. व पंजाब सरकार की कारगुजारी पर कई सवाल उठाएं और कहा कि पंजाब सरकार को उनकी प्रोटैस्ट पिटीशन की कापी न दी जाए। 

 

साथ ही उन्होंने कहा कि एक ओर तो सी.बी.आई. कह रही है कि वह नए सिरे से जांच करना चाहती है। वहीं, दूसरी ओर खुद ही सुनवाई को खारिज करने संबधी दलीलें दे रही है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सी.बी.आई. ड्रामेबाजी कर रही है। जिसके बाद उन्होंने अदालत से मांग की है कि सी.बी.आई. को दिशा-निर्देश जारी किए जाएं।  

 

पूर्व विधायक हरबंस जलाल ने सी.बी.आई. कोर्ट में अर्जी दायर कहा वकील, सी.बी.आई. व सरकार मिले हुए हैं
पूर्व विधायक हरबंस सिंह जलाल ने पिछली सुनवाई पर निजी तौर पर सी.बी.आई. कोर्ट में पेश होकर दो पेजों की अर्जी दायर की थी। जिसमें उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ताओं ने वकील, सी.बी.आई. व सरकार आपस में मिले हुए हैं। उन्होंने कहा कि दोनों मिलकर नई-नई ऐसी दलीलें दे रहे हैं जिससे केस काफी लंबा होता जा रहा है। 

 

वह केस को ओर लंबा लटकाना चाहते हैं, साथ ही उसे सी.बी.आई. मामले में सरकारी गवाह बनने की आज्ञा दी जाए। उसे अपना पक्ष रखने का भी मौका दिया जाए ताकि जो पूरे घटनाक्रम के बारे में सही तथ्य पेश किए जा सकें। उन्होंने दावा किया कि वह दस्तावेजी सबूतों के आधार पर अपनी सभी बातें कोर्ट में रखेंगे। 

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