गर्मियों में शहरवासियों पर बढ़ेगा बिजली के बिल का बोझ

Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 May, 2018 10:45 AM

electricity bill

यह तय हो चुका है कि इन गर्मियों में शहरवासियों पर बिजली के बिल का बोझ बढऩे वाला है।

चंडीगढ़(विजय) : यह तय हो चुका है कि इन गर्मियों में शहरवासियों पर बिजली के बिल का बोझ बढऩे वाला है। यू.टी. के इलैक्ट्रिसिटी डिपार्टमैंट की गलतियों का खामियाजा शहर के लोगों को आने वाले कुछ महीनों में भुगतना पड़ेगा। 

ज्वाइंट इलैक्ट्रिसिटी रेगुलेट्री कमिशन (जे.ई.आर.सी.) ने इस साल की टैरिफ पटीशन पर फैसला सुनाते हुए करीब 2.20 लाख कंज्यूमर्स पर रैगुलेट्री सरचार्ज लगाने की अप्रूवल दे दी थी। कमिशन ने डिपार्टमैंट को कंज्यूमर्स से 180.38 करोड़ रुपए वसूलने के निर्देश दे दिए थे। इस पर अब डिपार्टमैंट ने आने वाले माह में कंज्यूमर्स से पांच प्रतिशत सरचार्ज वसूलने की तैयारी कर ली है। 

डिपार्टमैंट का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में जो घाटा हुआ है उसकी भरपाई वित्त वर्ष 2018-19 के तहत बढ़ाए गए टैरिफ से नहीं हो सकती है। ऐसे में रेवेन्यू गैप पूरा करने के लिए कंज्यूमर्स पर 5 प्रतिशत रैगुलेट्री सरचार्ज लगाया जाएगा। 

यह सरचार्ज कुल इस्तेमाल की गई एनर्जी और डिमांर्ड चार्ज पर लगेगा। डिपार्टमैंट ने कमिशन के सामने टैरिफ पटीशन में 2010-11 से लेकर 2013-14 के बीच में हुए 208.17 करोड़ रुपए के घाटे का मामला रखा था। डिपार्टमैंट ने कमिशन के सामने अपील की थी कि इस घाटे की तुरंत भरपाई की जाए। 

हालांकि डिपार्टमैंट की ओर से कहा गया था कि वित्त वर्ष 2018-19 में इस 208.17 करोड़ में से विभिन्न सोर्स के जरिए 27.79 करोड़ रुपए की भरपाई तो हो जाएगी। लेकिन बाकी के बचे 180.38 करोड़ रुपए कैसे वसूले जाएंगे इसका कोई ऑप्शन नहीं बचा है।

अकाऊंट ऑडिट न करवाने से बढ़ा घाटा :
रैजीडैंट्स पर बिजली के बिल का बोझ बढऩे का मुख्य कारण भी डिपार्टमैंट ही है। दरअसल 2010-11 से लेकर 2013-14 के बीच इलैक्ट्रिसिटी डिपार्टमैंट ने जितनी भी टैरिफ पटीशन कमिशन के सामने सब्मिट करवाई थी उनमें से किसी को भी मंजूरी नहीं दी थी। 

कमिशन ने इन तीन वित्त वर्षों में टैरिफ न बढ़ाने का कारण डिपार्टमैंट द्वारा कमर्शियल ऑडिट न करवाना बताया था। लेकिन इस दौरान साल दर साल डिपार्टमैंट करोड़ों रुपए के बोझ तले दबता रहा। हालांकि इसके बाद कमर्शियल ऑडिट करवा दिया गया लेकिन अभी तक करोड़ों रुपए का घाटा पूरा नहीं किया जा सका। लेकिन अब कमिशन इस घाटे को इसी वित्त वर्ष में निपटाने की तैयारी कर चुका है।

एफ.पी.पी.सी.ए. चार्ज भी बढ़ेगा :
डिपार्टमैंट ने फ्यूल एंड पावर पर्चेज कॉस्ट एडजस्टमैंट (एफ.पी.पी.सी.ए.) बढ़ाने की तैयारी भी कर ली है। यह चार्ज 40 पैसे से 4 रुपए प्रति यूनिट तक बढ़ाया जाएगा। ये राशि विभिन्न कैटेगरी के कंज्यूमर्स से अलग-अलग तरह से वसूल की जाएगी। इस साल के पहले क्वार्टर यानि जनवरी, फरवरी और मार्च के एफ.पी.पी.सी.ए. चार्ज की कैल्कुलेशन यू.टी. के इलैक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट ने कर ली है। 

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