प्राइवेट स्कूलों में इस साल नहीं बढ़ेगी फीस

Edited By Priyanka rana,Updated: 04 Jun, 2020 12:29 PM

fees will not be increased in private schools this year

चंडीगढ़ प्रशासन ने बुधवार को शहर के लोगों को बड़ी राहत देते हुए प्राइवेट स्कूलों के इस सत्र में फीस बढ़ाने पर पूरी तरह रोक लगा दी। प्रशासन के इस फैसले से लाखों अभिभावकों को फायदा मिलेगा।

चंडीगढ़ (साजन) : चंडीगढ़ प्रशासन ने बुधवार को शहर के लोगों को बड़ी राहत देते हुए प्राइवेट स्कूलों के इस सत्र में फीस बढ़ाने पर पूरी तरह रोक लगा दी। प्रशासन के इस फैसले से लाखों अभिभावकों को फायदा मिलेगा।

प्रशासक वी.पी. सिंह बदनौर की ओर से एडवाइजर मनोज परिदा ने इस बाबत आदेश जारी करते हुए कहा कि कोरोना महामारी के चलते लोग पहले ही संकट के दौर से गुजर रहे हैं। अभिभावकों को लॉकडाऊन के चलते आर्थिक तौर पर भी परेशानी हो रही है। इसके मद्देनजर फैसला लिया जाता है कि सत्र 2020-21 के तहत प्राइवेट स्कूल फीस में बढ़ोतरी न करें। अमूमन प्राइवेट स्कूल हर साल  फीस में आठ से दस प्रतिशत का इजाफा करते हैं।

स्कूलों को वैबसाइट पर डालना होगा फीस स्ट्रक्चर :
आदेशों में कहा गया है कि चंडीगढ़ प्रशासन से अनुमति लिए बगैर सत्र 2020-21 प्राइवेट स्कूलों की फीस में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी। ट्यूशन फीस स्कूल उसी हिसाब से लेंगे जो उन्होंने सत्र 2019-20 में तय की थी। इसमें कोई छुपे हुए या अतिरिक्त चार्ज नहीं होंगे। सभी प्राइवेट स्कूल फीस स्ट्रक्चर, खासतौर से ट्यूशन फीस को फीस रेगुलैशन एक्ट, 2016 के सैक्शन-5 सी के प्रोवीजन के तहत वैबसाइट पर डालेंगे, ताकि संपूर्ण पारदर्शिता रहे। 

स्कूलों को इस बाबत चंडीगढ़ प्रशासन को 15 जून, 2020 तक हर हाल में सूचित करना होगा। आदेश में लिखा गया है कि प्रशासक जो स्टेट डिजास्टर मैनेजमैंट अथॉरिटी के चेयरपर्सन भी हैं, वह डिजास्टर मैनेजमैंट एक्ट 2005 सैक्शन 39 आई के तहत यह आर्डर जारी कर रहे हैं। 

बैलेंस शीट अपलोड नहीं की थी :
आदेशों में कहा गया है कि चंडीगढ़ के स्कूल 13 मार्च से बंद किए गए हैं। आगे भी केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेशों पर इन्हें बंद रखा गया है। लॉकडाऊन के चलते पैरेंट्स की दिक्कतें देखते हुए और खासतौर से आर्थिक स्तर पर परेशानी के मद्देनजर 30 मार्च 2020 को फीस जमा कराने की तारीखें आगे बढ़ा दी गई थी। 

18 मई को ट्यूशन फीस को लेकर हाईकोर्ट के 13 मई के आदेशों को मानते हुए नए आर्डर प्रशासन की तरफ से निकाले गए। स्कूलों को अपनी इनकम और खर्चा भी बैलेंस शीट के साथ अपलोड करने का आदेश दिया गया। 

पंजाब रेगुलेशन ऑफ फीस आफ अनएडिड एजुकेशनल इंस्टीच्यूशन एक्ट, 2018 के सैक्शन-5 के प्रोवीजन को ज्यादातर प्राइवेट स्कूलों ने नहीं माना। इससे स्कूलों के फाइनेंशियल स्टेट्स के बारे प्रशासन को जानकारी नहीं मिल पाई बहुत से स्कूलों ने वैबसाइट पर अपना फीस स्ट्रक्चर भी नहीं डाला।

याद दिलाया, लीज पर प्रशासन ने ही दे रखी है स्कूलों को जमीन :
सी.बी.एस.ई. के बॉयलॉज भी कहते हैं कि सभी एफीलिएटिड स्कूल केवल राज्य सरकार की ओर से प्रिस्क्राइब किए गए हैं या अप्रूवल के अंदर ही फीस ले सकते हैं। स्कूलों को चंडीगढ़ प्रशासन ने लीज पर लैंड दी थी लिहाजा सभी प्राइवेट स्कूलों को फीस को लेकर चंडीगढ़ प्रशासन के समय-समय पर जारी आदेश मानने होंगे। 

इस आदेश में कहा गया कि बहुत से स्कूलों की बाबत डिस्ट्रिट एजुकेशन अफसर को अभिभावकों की शिकायत मिली थी कि स्कूल ट्यूशन फीस के नाम पर एक्स्ट्रा चार्ज ले रहे हैं। कई ने ट्यूशन फीस में बढ़ोतरी भी की है। आदेशों में कहा गया कि पड़ोसी राज्यों ने भी कोरोना महामारी के चलते अपने यहां आदेश जारी किए कि अकादमिक सत्र 2020-21 के दौरान फीस न बढ़ाई जाए। 

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