Edited By Priyanka rana,Updated: 25 Mar, 2019 11:20 AM
पूरी दुनिया ग्लोबल वार्मिंग से परेशान है। वैज्ञानिक यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि वैश्विक तापमान इतनी तेजी से क्यों बदल रहा है।
चंडीगढ़(ब्यूरो) : पूरी दुनिया ग्लोबल वार्मिंग से परेशान है। वैज्ञानिक यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि वैश्विक तापमान इतनी तेजी से क्यों बदल रहा है। एक कारण सामने आया है कि आजकल लोग बहुत कम इस्तेमाल के बाद कपड़े बदल लेते हैं। इसी कारण से पैट्रोलियम पदार्थों का दुरुपयोग हो रहा है और दुनिया के तापमान में बढ़ौतरी हो रही है।
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के अनुसार आजकल लोग कपड़ों को ज्यादा बार प्रयोग नहीं करते और जल्दी उन्हें फेंक देते हैं। कपड़े दिन-ब-दिन सस्ते होते जा रहे हैं और जल्द बेकार कर दिए जाते हैं। इन्हें या तो कूड़े में फेंका जाता है या जलाया जाता है। दुनिया की जी.डी.पी. की तुलना में कपड़ों की बिक्री तेजी से बढ़ी है। वर्ष 2000 में दुनिया में 50 अरब कपड़े बेचे गए थे, जबकि 2015 में यह आंकड़ा बढ़कर 100 अरब हो गया। इसके कारण हर जगह बेकार कपड़ों के पहाड़ खड़े होते जा रहे हैं।
बौद्ध गुरु व सेव दि हिमालया फाऊंडेशन के संस्थापक भीखू संघसेना ने कहा कि समय आ गया है कि हम पर्यावरण संबंधी मुद्दों पर गंभीरता से विचार करें और अपनी आने वाली पीढिय़ों की खातिर हिमालय और पर्यावरण की रक्षा के लिए उचित उपाय करें। उल्लेखनीय है कि वस्त्र निर्माण का 63 प्रतिशत कच्चा माल पैट्रोलियम से प्राप्त होता है। हर साल लाखों टन पैट्रोलियम की बर्बादी होती है। यह ग्लोबल वार्मिंग की वजह बनती है। ऐसे में लोगों को चाहिए कि वे कपड़ों को अधिक बार प्रयोग करें।