Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Jan, 2018 08:47 AM
सैक्टर-17 में सूखे पेड़ की शाखा टूटने से वहां काम करने वाली एक युवती के पैर के टूटने और उसे अलग किए जाने के मामले में हाईकोर्ट ने यू.टी. प्रशासन को 2 लाख रुपए अंतरिम मुआवजे के रूप में पीड़िता को दिए जाने के आदेश दिए हैं।
चंडीगढ़(बृजेन्द्र) : सैक्टर-17 में सूखे पेड़ की शाखा टूटने से वहां काम करने वाली एक युवती के पैर के टूटने और उसे अलग किए जाने के मामले में हाईकोर्ट ने यू.टी. प्रशासन को 2 लाख रुपए अंतरिम मुआवजे के रूप में पीड़िता को दिए जाने के आदेश दिए हैं। मामले में घायल हुई काजल अपनी मां के साथ सैक्टर-17 में आर्टिफिशियल ज्वैलरी बेचने का काम करती थी।
सितम्बर, 2013 की शाम 6 बजे यह घटना हुई थी। पलसौरा की रहने वाली काजल जब 8 साल की थी तो उसके पिता उसे छोड़कर चले गए थे। घटना के बाद 20 दिन तक काजल का पी.जी.आई. में इलाज चला था। उसके 3 ऑप्रेशन हुए थे। पैर काटे जाने के बाद उसे आर्टिफिशियल पैर लगाया गया था।
इसके बाद वर्ष 2014 में उसने मुआवजे के लिए हाईकोर्ट की शरण ली थी। इससे पूर्व हाईकोर्ट ने फरवरी, 2017 में पीड़िता को 3 लाख रुपए अंतरिम मुआवजा राशि देने के आदेश दिए थे। संबंधित घटना के बाद वह 70 प्रतिशत तक परमानैंट डिसएबिलिटी आ गई थी।
केस की अगली सुनवाई फरवरी में होगी। जस्टिस राजन गुप्ता की कोर्ट ने मुआवजे संबंधी यह आदेश जारी किए हैं। वहीं सूखे पेड़ों को हटाने व सड़कों पर गड्ढों व गटर के ढक्कन ढंके जाने के संबंध में ताजा कार्रवाई को लेकर प्रशासन ने कहा कि केस की अगली सुनवाई पर स्टेटस रिपोर्ट पेश कर दी जाएगी। इससे पहले सुपरिंटैंडिंग इंजीनियर, कंस्ट्रक्शन सर्कल-2 यशपाल गुप्ता का एफिडेविट पेश किया गया था।