हरियाणा में हुई कांस्टेबल भर्ती में 5500 पुरुष कांस्टेबलों को नियुक्ति पत्र दिए जाने पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक

Edited By Ajay Chandigarh,Updated: 14 Mar, 2023 10:33 PM

many candidates could not make it to the final merit list

हरियाणा के पुलिस टे्रङ्क्षनग सैंटर मधुबन में करीब 5500 पुरुष कांस्टेबलों को नियुक्ति पत्र जारी करने के खिलाफ दायर पुनॢवचार याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पुरुष कांस्टेबलों को नियुक्ति पत्र देने पर रोक लगा दी है। यह आदेश...

चंडीगढ़,(हांडा): हरियाणा के पुलिस टे्रङ्क्षनग सैंटर मधुबन में करीब 5500 पुरुष कांस्टेबलों को नियुक्ति पत्र जारी करने के खिलाफ दायर पुनॢवचार याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पुरुष कांस्टेबलों को नियुक्ति पत्र देने पर रोक लगा दी है। यह आदेश जिन्हें अभी तक नियुक्ति पत्र नहीं दिए गए, उन पर लागू माने जाएंगे। 

 


याची राकेश कुमार व अन्य ने पुनॢवचार याचिका दायर कर हरियाणा पुलिस में चयनित करीब 7 हजार महिला व पुरुष कांस्टेबलों की भर्ती को हाईकोर्ट में चुनौती दी हुई है। हाईकोर्ट में इस बाबत दर्जनों याचिकाएं विचाराधीन हैं। पुरुष व महिला कांस्टेबलों की नियुक्ति प्रक्रिया को एक समान आधार पर चुनौती दी गई थी। हाईकोर्ट ने महिला कांस्टेबलों की नियुक्ति वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए नियुक्ति पत्र जारी करने के लिखित आदेश जारी किए थे, जबकि पुरुष कांस्टेबलों वाली याचिका में सरकार ने मौखिक रूप से कोर्ट में यह स्वीकारा था कि याचिका विचाराधीन रहने तक चयनित पुरुष कांस्टेबलों को नियुक्ति पत्र जारी नहीं किए जाएंगे लेकिन सरकार ने पिछले दिनों पुरुष कांस्टेबलों को नियुक्ति पत्र जारी कर दिए, जिसे लेकर हाईकोर्ट में एप्लीकेशन दाखिल हुई थी, जिस पर सुनवाई करते हुए जस्टिस जय श्री ठाकुर ने मंगलवार को आदेश दिया कि जो नियुक्ति पत्र जारी हो चुके हैं, उनको छोड़कर बाकी कांस्टेबलों को नियुक्ति पत्र जारी न किया जाए। 

 

 


ज्ञात रहे कि शुक्रवार को भी इस विषय पर हाईकोर्ट में अर्जी दायर की गई थी, जिस पर सुनवाई करते हुए जस्टिस राजमोहन सिंह ने याची से कहा कि वह इस मामले में स्पष्टीकरण के लिए उसी बैंच के सामने अर्जी दायर करें, जो इस मामले पर पहले सुनवाई कर रही थी। इसके बाद यह मामला जस्टिस जय श्री ठाकुर के पास सुनवाई के लिए आया था। इस मामले में भर्ती में नॉर्मलाइजेशन परसैंटाइल व अन्य मैथड को चुनौती दी गई थी। इस पर हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने कोर्ट को बताया था कि भारतीय सांख्यिकी संस्थान दिल्ली की सलाह पर आयोग ने यह मैथड अपनाया है। इस पर भारतीय सांख्यिकी संस्थान ने कोर्ट को बताया कि यह मैथड तभी अपनाया जा सकता है, जब लिखित परीक्षा के बाद फाइनल मैरिट सूची बनाई जाती है, लेकिन इस भर्ती में लिखित परीक्षा के बाद सोशियो इकोनॉमी (सामाजिक आॢथक) मानदंड के अंक व शारीरिक परीक्षा के अंक भी जुडऩे हैं। याची के अनुसार नॉर्मलाइजेशन के चलते एक पहले दौर में बेहतर प्रदर्शन करने के बावजूद कई उम्मीदवार फाइनल मैरिट सूची में स्थान नहीं बना पाए।

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