अब शहर के रेहड़ी बाजार भी विरोध में सामने आए

Edited By pooja verma,Updated: 03 Jun, 2020 04:27 PM

now the street market of the city also came out in protest

16 साल बाद शहर के बाजारों में एक बार फिर साप्ताहिक बंदी लागू  करवाने की कोशिश कर रहे चंडीगढ़ प्रशासन को रेहड़ी मार्कौट्स से भी समर्थन मिलता नहीं दिख रहा है ।

चंडीगढ़ (नीरज अधिकारी): 16 साल बाद शहर के बाजारों में एक बार फिर साप्ताहिक बंदी लागू  करवाने की कोशिश कर रहे चंडीगढ़ प्रशासन को रेहड़ी मार्कौट्स से भी समर्थन मिलता नहीं दिख रहा है । मंगलवार को शहर के रेहड़ी बाजार भी प्रशासन के साप्ताहिक बंदी के फैसले के विरोध में सामने आ गए। उन्होंने कहा है कि साप्ताहिक बंदी की प्रशासन की किसी भी कोशिश की डटकर खिलाफत की जाएगी। जरूरत पड़ी तो धरना प्रदर्शन से भी दुकानदार पीछे नहीं हटेंगे।

 

लॉकडाऊन-3 में बाजार खुलने के साथ ही प्रशासन ने लेबर डिपार्टमैंट के जरिए दुकानदारों को हर संडे को दुकानें बंद रखने के लिए चेतावनी देना शुरू कर दिया था लेकिन दुकानदार इसके लिए तैयार नहीं दर तो एक दिन पहले प्रशासक के सलाहकार मनोज परिदा ने ट्वीट करके खुलकर ऐलान कर दिया कि मार्कीट्स एसोसिएशनों की सलाह से चंडीगढ़ के बाजारों के लिए साप्ताहिक बंदी पान जल्द घोषित की जाएगी। इसके बाद से मार्कीट्स और शहर के प्रमुख व्यापारी संगठनों ने भी प्रशासन की |-इस कोशिश का खुलकर विरोध शुरू कर दिया है।

 

20 साल पिछड़ जाएंगे कारोबारी
किसी भी हद तक जाएंगे: शास्त्री मार्कीट सैक्टर -22 स्थित शास्त्री मार्कीट के प्रधान जसविंदर सिंह नागपाल ने कहा है कि मार्कीट में साप्ताहिक बंदी का कोई सवाल ही नहीं है। मौजूदा हालात में साप्ताहिक बंदी का कांसैप्ट ही गलत है। व्यापार पहले ही चौपट है। दुकानदारों को महीने की एक छुट्टी भी अखरने लगी है। ऐसे में साप्ताहिक बंदी तो संभव ही नहीं है। नागपाल ने कहा कि प्रशासन ने यदि साप्ताहिक बंदी थोपने का प्रयास किया तो किसी भी हद तक जाकर इसका विरोध किया जाएगा।

 

किसका फायदा चाहता है प्रशासन: कृष्णा मार्कीट
सैक्टर -41 स्थित कृष्णा मार्कीट के प्रधान सुनील जैन का कहना है कि मार्कीट में साप्ताहिक बंदी किसी भी कीमत पर लागू नहीं होने दी जाएगी। दो महीने में व्यापार चार साल पीछे चले गया है। साप्ताहिक बंदी लागू करके तो व्यापार 20 साल और पीछे चला जाएगा। प्रशासन को तो शहर के कारोबारियों को टैसों में छूट जैसे कदम उठाकर और राहतें देने का काम करना चाहिए, न कि और मुश्किलें खड़ी करने की योजना बनानी चाहिए। साप्ताहिक बंदी का पूरी तरह विरोध किया जाएगा।

 

साप्ताहिक बंदी स्वीकार नहीं: सदर मार्कीट
सैक्टर -19 स्थित सदर मार्कीट के प्रधान नरिंदर सिंह रिंकू ने कहा है कि साप्ताहिक बंदी को बिल्कुल स्वीकार नहीं किया जाएगा। लॉकडाऊन में बुरी तरह टूट चुके रेहड़ी मार्कीट्स में कारोबार तो लॉकडाऊन खुलने के बाद भी ठप्प है। ऑड-ईवन में हर दुकानदार का दुकान खोलने का नंबर वैसे ही एक दिन बाद आ रहा है। भविष्य में भी कारोबार पहले की तरह पटरी पर लौटने में लंबा वत लगेगा। ऐसे में साप्ताहिक बंदी तो बची-खुची कमर भी तोड़ देगी। रेहड़ी मार्कीट्स इस मामले में एकजुट हैं और साप्ताहिक बंदी का पुरजोर विरोध किया जाएगा।

 

दुकानदार तैयार नहीं: पटेल मार्कीट
सैक्टर-15 स्थित पटेल मार्कीट के प्रधान संजीव कुमार का कहना है कि रेहड़ी मार्कीट्स में छुट्टी की अपनी व्यवस्था है। सभी रेहड़ी मार्कीट्स महीने के आखिरी सोमवार को बंद रहती हैं। यह व्यवस्था तब से है, जब रेहड़ी मार्कीट्स कच्ची होती थीं। दुकानदार इसके अलावा छुट्टी की किसी और नई व्यवस्था से सहमत नहीं हो सकते। वो भी तब जब लॉकडाऊन ने पहले से कमजोर मार्कीट को और ज्यादा मंदी में धकेल दिया है। प्रशासन को साप्ताहिक बंदी की अपनी कोशिशें रोक देनी चाहिए, वरना दुकानदार विरोध के लिए मजबूर होंगे।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!