Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Feb, 2018 09:35 AM
पंजाब यूनिवर्सिटी के बोर्ड ऑफ फाइनांस (बी.ओ.एफ.) की मंगलवार को हुई मीटिंग में पंजाब सरकार ने पी.यू. का पिछला 18 करोड़ का घाटा पूरा करने के लिए इतनी रकम देने की हामी भर दी है।
चंडीगढ़(रश्मि) : पंजाब यूनिवर्सिटी के बोर्ड ऑफ फाइनांस (बी.ओ.एफ.) की मंगलवार को हुई मीटिंग में पंजाब सरकार ने पी.यू. का पिछला 18 करोड़ का घाटा पूरा करने के लिए इतनी रकम देने की हामी भर दी है। यह भी तय हुआ कि केंद्र सरकार की तर्ज पर पंजाब सरकार भी सालाना 6 फीसदी की वृद्धि के साथ अपना हिस्सा देगी। इस मीटिंग में पंजाब सरकार के प्रिंसीपल फाइनांस सैके्रटरी अनिरुद्ध तिवारी भी मौजूद रहे।
मीटिंग में भरोसा दिलाया गया कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें जैसे ही पंजाब में लागू होंगी उन्हें वैसे ही पी.यू. में भी लागू कर दिया जाएगा। मीटिंग में यह भी चर्चा हुई कि पंजाब सरकार पी.यू. को दिए जाने वाले आर्थिक हिस्से को कितना बढ़ाकर दे सकती है, जिससे उसका आर्थिक संकट खत्म हो जाए और पी.यू. को हरियाणा से मदद न लेनी पड़े।
देखा जाए तो पंजाब सरकार की तरफ से पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में हलफनामा देकर इसका विरोध किया जा चुका है कि हरियाणा के कालेज पी.यू. से न जोड़े जाएं। इसके बदले पी.यू. को जितनी आर्थिक मदद चाहिए वह पंजाब सरकार देगी। फिलहाल आर्थिक संकट को लेकर हाईकोर्ट में मामला विचाराधीन है।
एफिलिएशन पर फैसला करेगा गृह मंत्रालय :
हाईकोर्ट में 7 फरवरी की सुनवाई में पंजाब की तरफ से हरियाणा को एफिलिएशन देने का विरोध किया गया था। हालांकि एफिलिएशन पर फैसला केंद्रीय गृह मंत्रालय को लेना है। कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के लिए 26 फरवरी की तारीख तय की है। तब तक पंजाब सरकार को को बताना होगा कि कितना पैसा पी.यू. को देंगे।
सुनवाई के बाद पी.यू. के वी.सी. प्रो. ग्रोवर पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत बादल से भी मिल चुके हैं। उन्होंने आश्वासन दिया है कि पी.यू. की हर जरूरत को पंजाब सरकार पूरा करेगी। वहीं भाजपा नेता एवं सीनेटर सुभाष शर्मा ने बताया कि हमें पंजाब सरकार से पूरी आशा है कि वह पी.यू. की आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगी।