Edited By pooja verma,Updated: 06 Dec, 2019 12:49 PM
पंजाब में विधायकों की आय का टैक्स सरकारी खजाने से दिया जा रहा है, जिसके खिलाफ पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।
चंडीगढ़ (रमेश ): पंजाब में विधायकों की आय का टैक्स सरकारी खजाने से दिया जा रहा है, जिसके खिलाफ पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा है कि विधानसभा के उक्त फैसले में किस अधिनियम की उल्लंघना हुई है? कोर्ट को बताया जाए। याचिकाकर्ता एडवोकेट एच.सी. अरोड़ा ने कोर्ट से जवाब दाखिल करने को समय मांगा, जिस पर कोर्ट ने उन्हें 22 अप्रैल 2020 तक का समय दिया है।
चीफ जस्टिस रवि शंकर झा और जस्टिस राजीव शर्मा की खंडपीठ ने कहा कि विधानसभा ने इस फैसले से न आयकर अधिनियम के किसी प्रावधान का उल्लंघन किया है और न ही आयकर की दरों में किसी प्रकार की छेड़छाड़ की गई है। अपनी दलील में याचिकाकर्ता ने कहा कि विधानसभा के पास विधायकों का आयकर सरकारी कोष से भरवाने का अधिकार नहीं है। इस पर अदालत ने याचिकाकत्र्ता से पूछा कि विधानसभा को विधायकों को कोई ऐसा लाभ देने से रोकने का प्रावधान कहां है?
इस पर याचिकाकर्ता अरोड़ा द्वारा जवाब देने के लिए समय मांगे जाने पर अदालत ने सुनवाई को 22 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दिया। गौरतलब है कि इस याचिका में अरोड़ा ने कहा है कि पंजाब सरकार एक तरफ अपने कर्मचारियों को वेतन देने में मुश्किलों का सामना कर रही है, दूसरी ओर विधायकों को उनके वेतन और भत्तों पर आयकर से भी छूट दी जा रही है और उनके आयकर का भुगतान राज्य सरकार के कोष से किया जा रहा है। याचिकाकर्ता ने कहा है कि विधायकों के आयकर का भुगतान करने के लिए राज्य सरकार पर 10.72 करोड़ रुपए का वार्षिक वित्तीय बोझ पड़ रहा है।