स्मार्ट ग्रिड प्रोजैक्ट : प्रशासन की स्काडा सैंटर बनाने की प्रक्रिया शुरू

Edited By pooja verma,Updated: 18 Apr, 2019 03:22 PM

smart grid project administration skada center to start process

चंडीगढ़ प्रशासन ने स्मार्ट ग्रिड प्रोजैक्ट के तहत सैक्टर-18 में स्काडा सैंटर बनाने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसी के अंडर पूरे स्मार्ट ग्रिड प्रोजैक्ट की ऑटोमैटिक मॉनिटरिंग होनी है।

चंडीगढ़ (राजिंद्र): चंडीगढ़ प्रशासन ने स्मार्ट ग्रिड प्रोजैक्ट के तहत सैक्टर-18 में स्काडा सैंटर बनाने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसी के अंडर पूरे स्मार्ट ग्रिड प्रोजैक्ट की ऑटोमैटिक मॉनिटरिंग होनी है। 

इलैक्शन कमीशन की परमिशन के बाद प्रशासन ने इसका टैंडर निकाल दिया है, जिसे एक माह के अंदर अलॉट कर दिया जाएगा। 1.70 करोड़ रुपए की लागत से इलैक्ट्रिकल, सिविल और पब्लिक हैल्थ का काम एक साथ पूरा होगा। 

 

स्मार्ट ग्रिड प्रोजैक्ट के तहत प्रशासन चार सैक्टरों और छह गांवों में 30 हजार मीटर लगाने के पायलट प्रोजैक्ट पर पहले से ही काम कर रहा है और प्रशासन ने इसका सर्वे लगभग भी कर लिया है। 

 

पूरा स्मार्ट ग्रिड प्रोजैक्ट बिजली विभाग में सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डाटा एक्यूजेशन (स्काडा) से ही कंट्रोल होना है। स्काडा से यह फायदा होगा कि इसके कंट्रोल रूम में बैठा कर्मचारी किसी भी कंज्यूमर की कंजप्शन ज्यादा होने पर बिजली कट लगा देगा। साथ ही उसे मैसेज भी देगा।

 

 वहीं इसमें लाइन टूटने या फॉल्ट का भी पता लगता रहेगा। स्काडा से ही संबंधित एस.डी.ओ. को डायरैक्शन होगी। इसमें एरिया के उपभोक्ता की बिजली चली जाने पर दूसरे सब स्टेशन से सकाडा के कम्प्यूटराइज सिस्टम से ऑटोमैटिक जोड़ी जाएगी। 

 

स्मार्ट मीटर का कंट्रोल बिजली विभाग के ऑफिस में होगा, बिङ्क्षलग भी स्काडा रूम से ही जैनरेट हो सकेगी। इस संबंध में प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि इलैक्शन कमीशन की परमिशन के बाद उन्होंने टैंडर जारी कर दिया है और एक माह के अंदर इसका काम अलॉट करके वह इसे शुरू कर देंगे। 

 

उन्होंने कहा कि सैक्टर-18 में बुक डिपो और स्टेशनरी बिल्डिंग में ये सैंटर बनना है। स्मार्ट मीटर लगाने वाली कंपनी ही इसमें सभी इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध करवाएगी, जबकि बिल्डिंग रैनोवेशन का काम यू.टी. खुद करवाएगा। 

 

पूरे प्रोजैक्ट के अंदर होना है ये काम 
स्मार्ट ग्रिड प्रोजैक्ट के तहत पायलट प्रोजैक्ट के अंडर प्रशासन ने चार सैक्टरों और छह गांवों में 30 हजार स्मार्ट मीटर लगाने हैं। कुल 28 करोड़ रुपए का प्रोजैक्ट है, जिसका काम सात माह के अंदर पूरा किया जाना है। 

 

इसके अलावा पूरे शहर में प्रशासन ने स्मार्ट ग्रिड प्रोजैक्ट 241 करोड़ रुपए में पूरा करना है। प्रशासन ने 260 करोड़ रुपए की इस प्रोजैक्ट के लिए मांग की थी, लेकिन मिनिस्टरी ने पिछले वर्ष 241 करोड़ रुपए की इसके लिए मंजूरी दी थी। 

 

एडवांस्ड मीटरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का दिया नाम
पायलट प्रोजैक्ट के तहत इंडस्ट्रीयल एरिया फेज-1, 2 में सभी उपभोक्ताओं के पुराने मीटर स्मार्ट मीटर से बदले जाने हैं । जिसे एडवांस्ड मिटरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर नाम दिया गया है। इसके तहत बिजली की सभी लाइन अंडर ग्राऊंड करने के साथ ही सब स्टेशन और सप्लाई नैटवर्क मजबूत किया जाना है। 

 

प्रशासन ने गत वर्ष जुलाई माह में रूरल इलैक्ट्रीफिकेशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आर.ई.सी.एल.) को इसका काम भी अलॉट किया था, जिसने तीन बार प्रयास के बाद ही दो कंपनियों को फाइनल किया था। स्मार्ट मीटर लगने से बिजली चोरी का पता स्काडा में कम्प्यूटर पर बैठे कर्मचारी को लग सकेगा।

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