PU छात्र संघ की प्रैजीडैंट कनुप्रिया का खालिस्तान समर्थकों के साथ फोटो वायरल, मचा बवाल

Edited By Priyanka rana,Updated: 18 Aug, 2019 10:48 AM

student union election

पंजाब यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ चुनाव महज कुछ ही दिन दूर हैं, लेकिन इससे पहले कैंपस में माहौल पूरी तरह गरम हो चुका है।

चंडीगढ़(साजन) : पंजाब यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ चुनाव महज कुछ ही दिन दूर हैं, लेकिन इससे पहले कैंपस में माहौल पूरी तरह गरम हो चुका है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ए.बी.वी.पी.) से जुड़े छात्र नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पी.यू. छात्र संघ की प्रधान कनुप्रिया पर आरोप लगाया है कि वह देश के विरोध में खालिस्तानी समर्थकों की ओर से उठाए जा रहे रैफरेंडम 2020 का समर्थन कर रही हैं। 

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सोशल मीडिया पर इससे जुड़े कई फोटो वायरल किए गए हैं, जिसमें वह रैफरेंडम 2020 के समर्थन में तख्ती लेकर खड़ी हैं। फिलहाल इन फोटो में क्या सच्चाई है इसको लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। एस.एफ.एस. से जुड़े कार्यकर्ता व नेता इसे ए.बी.वी.पी. की कारस्तानी बता रहे हैं। उनका कहना है कि फोटोशॉप में फोटो से छेड़छाड़ कर एस.एफ.एस. को छात्र संघ चुनावों से पहले बदनाम करने की साजिश है।

नहीं मिली माइनोरिटीज को आजादी : एस.एफ.एस.
एस.एफ.एस. ने बयान जारी कर कहा कि कनुप्रिया ने पंजाब के 14 जिलों में हुए प्रोटैस्ट में हिस्सा लिया और पंजाब को भारत से अलग करने की माइनोरिटीज की मांग का समर्थन किया है, क्योंकि एस.एफ.एस. मानता है कि 1947 में आजाद हुए भारत के बंगाल और पंजाब के लोगों का भी बंटवारा हुआ। हजारों परिवार एक-दूसरे से बिछुड़ गए। 

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घर से बेघर हो गए, जिसे आजादी नहीं कहा जा सकता। एस.एफ.एस. किसी भी विशेष समुदाय के लिए अलग राष्ट्र की मांग नहीं करता, बल्कि जिन्हें सही मायने में आज़ादी नहीं मिली, उनकी आजादी का समर्थन करता है और आर.एस.एस. के हिंदू राष्ट्र के नारे का विरोध करती है जोकि किसी एक कोरपोरेट घराने के लिए काम कर रही है।  

धारा 370 हटने का भी विरोध किया था :
ए.बी.वी.पी. के छात्र नेताओं व कार्यकर्ताओं की दलील है कि देश में धारा 370 और 35ए हटी तो पूरे देश ने इस पर जश्न मनाया, पत्थरबाजों पर जब कार्रवाई हुई तो सभी ने उसका समर्थन किया, लेकिन पी.यू. छात्र संघ की प्रेजीडैंट कनुप्रिया और उनसे जुड़े संगठन एस.एफ.एस. के कार्यकर्ताओं ने धारा 370 और 35ए हटने का पूरा विरोध किया। 

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ए.बी.वी.पी. से जुड़े छात्र नेताओं का कहना है कि बीते वर्ष हुए छात्र संघ चुनाव में कनुप्रिया ने पत्थबाजों का खुलकर समर्थन किया था। अब एक फिर वामपंथियों के इस छात्र संगठन की प्रैजीडैंट का देश के गद्दारों और देश विरोधी गतिविधियां करने वालों के लिए उनका प्रेम उमड़ पड़ा है।

स्वतंत्रता दिवस समारोह का भी बहिष्कार किया :
ए.बी.वी.पी. ने कहा कि एस.एफ.एस. और पी.यू. में स्टूडैंट काउंसिल अध्यक्ष कनुप्रिया ने स्वतंत्रता दिवस समारोह का बहिष्कार किया व खालिस्तान अलगाववादियों की अलग पंजाब बनाने की मांग के पक्ष में जनमत संग्रह के समर्थन में प्रदर्शन किया। 

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ए.बी.वी.पी. ने कहा कि स्वतंत्रता के सैकड़ों नायकों के बलिदान को इन तथाकथित उदारवादियों ने बदनाम किया है। कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से जोडऩे के लिए धारा 370 को रद्द करने का निर्णय इन लोगों के लिए असहनीय है।

हम इस कृत्य की भत्र्सना करते हैं : ए.बी.वी.पी.
ए.बी.वी.पी. पी.यू. के अध्यक्ष कुलदीप पंघाल ने कहा कि हम इस कृत्य की भत्र्सना करते हैं और हम देश की एकता और अखंडता से संबंधित मुद्दों पर तथाकथित छात्रों के संगठन एस.एफ.एस. से स्पष्टीकरण चाहते हैं। 

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ए.बी.वी.पी. पी.यू. के सचिव परविंद्र सिंह कटोरा ने कहा कि ये तथाकथित उदारवादी न केवल एक अलग पंजाब बल्कि अलग कश्मीर, अलग मणिपुर और अलग छत्तीसगढ़ की मांग करते हैं। हम पंजाब यूनिवर्सिटी प्रशासन से एस.एफ.एस. के खिलाफ कड़े कदम उठाने का आग्रह करते हैं। ए.बी.वी.पी. के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य जतिन सिंह ने कहा कि हम पी.यू. प्रशासन से आग्रह करते हैं कि वे पंजाब विश्वविद्यालय में एस.एफ.एस. का पंजीकरण रद्द करें।

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