यूनियन नेता कंबोज तीसरी बार सस्पैंड

Edited By bhavita joshi,Updated: 22 Jan, 2019 11:53 AM

union leader comboze suspend for the third time

टीचरों में जुबानी और सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर भ्रम फैलाने व गलत जानकारियां देने पर एजुकेशन डिपार्टमैंट ने गवर्नमैंट मॉडल सीनियर सैकेंडरी स्कूल सैक्टर-20 डी के तबला इंस्ट्रक्टर स्वर्ण सिंह कंबोज को एजुकेशन सैक्रेटरी बी.एल. शर्मा ने सस्पैंड कर...

चंडीगढ़(साजन) : टीचरों में जुबानी और सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर भ्रम फैलाने व गलत जानकारियां देने पर एजुकेशन डिपार्टमैंट ने गवर्नमैंट मॉडल सीनियर सैकेंडरी स्कूल सैक्टर-20 डी के तबला इंस्ट्रक्टर स्वर्ण सिंह कंबोज को एजुकेशन सैक्रेटरी बी.एल. शर्मा ने सस्पैंड कर दिया है। विभाग की ओर से जारी प्रैस नोट में कहा गया है कि इस भ्रामक प्रचार से टीचर परेशान हो रहे थे और आम पब्लिक की नजर में विभाग की इमेज खराब हो रही थी। 

इस संबंध में डायरैक्टर स्कूल एजुकेशन रूबिंदरजीत सिंह बराड़ ने सोमवार को आर्डर जारी किया। इसमें कहा गया कि पंजाब सिविल सर्विसेज रूल्स 1970 (पनिशमैंट एंड अपील) के रूल 4 के सब रूल (1) के तहत कंडक्ट रूल्स तोडऩे के तहत उन पर कार्रवाई की गई है। डायरैक्टर आफिस की ओर से जारी आर्डर में कहा गया है कि सस्पैंशन के दौरान स्वर्ण सिंह कंबोज बिना मंजूरी लिए हैडक्वार्टर नहीं छोड़ेंगे।

विभाग के निशाने पर रहे, पहले भी हो चुके सस्पैंड
यहां बता दें कि स्वर्ण सिंह कंबोज पहले भी 26 दिसम्बर 2016 से लेकर 11 अप्रैल 2017 तक स्कूल टाइम में महिला टीचरों के खिलाफ गाली गलौज करने के आरोप में सस्पैंड हो चुके हैं। 2017 में भी कंबोज को शोकॉज नोटिस दिया गया था क्योंकि वह बिना प्रोसीजर फॉलो करे उच्च अथॉरिटी तक अपनी बात रखने पहुंच गए थे। 2018 में भी कंबोज को शोकॉज नोटिस दिया गया था क्योंकि उन्होंने अखबारों में विभाग के खिलाफ अनर्गल बयान जारी किए थे। पंजाब कंडक्ट रूल्स 1966 के तहत उन पर जल्द ही अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जाएगी। 

टीचरों की अन्य कामों में ड्यूटी लगाने को बताया था बेहतर नतीजे न आने का कारण
यहां बता दें कि बीते दिनों स्वर्ण सिंह कंबोज पर यह आरोप लगा था कि उन्होंने अखबारों में यह भ्रामक बात फैलाई कि विभाग के टीचरों की पढ़ाई के अतिरिक्त अन्य कामों में ड्यूटियां हैं लिहाजा इस कारण से विभाग के बोर्डों में बेहतर नतीजे नहीं आते। एजूकेशन सैक्रेटरी बी.एल. शर्मा की इस पर दलील थी कि आर.टी.ई. एक्ट के तहत बहुत से काम डिफाइंड हैं। ये काम तो टीचरों को ही करने हैं। जहां तक अकाउंट्स या स्कूल के अन्य कामकाज की बात है तो हर स्कूल में तीन मुलाजिमों का अतिरिक्त स्टाफ उपलब्ध कराया गया है। मिड डे मील, स्कूल के रूटीन काम तो टीचरों को ही निपटाने हैं। उसके लिए कोई विभाग के अधिकारी तो नहीं आएंगे। उन्होंने ये भी कहा था कि कुछ शरारती तत्व गलत प्रचार कर रहे हैं। विभाग के संबंध में मिस इनफार्मेशन फैला रहे हैं। उन्होंने कहा कि टीचरों का पहला काम तो बस पढ़ाना है। बाकि के काम तो महज थोड़े समय में ही निपट जाते हैं।

इसलिए सस्पैंड किया क्योंकि विभाग की पोल खोलता हूंं : कंबोज
 उधर, स्वर्ण सिंह कंबोज ने कहा कि शिक्षा विभाग द्वारा मुझे इसलिए सस्पैंड किया गया, क्योंकि मैं शिक्षा विभाग में होने वाली अनियमितताओं की पोल खोलता हूं। इसके चलते ही मैं विभाग के अधिकारियों का काफी समय से निशाना बना हुआ था। विभाग मुझे अभी तक तीन बार सस्पैंड कर चुका है, 51 बार शोकॉज नोटिस दे चुका है, लेकिन मैंने हमेशा अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई है और उठाता रहूंगा और रही बात समाचार पत्रों में बयान देने की तो मैंने आज तक एक यूनियन का प्रधान होने के नाते ही बयान दिए हैं।  

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