Edited By ashwani,Updated: 28 Jul, 2023 10:48 PM
छतबीड़ जू में विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस मनाया गया। इस कार्यक्रम में प्रकृति संरक्षण के महत्व और पृथ्वी पर जीवन का समर्थन करने और ग्रह के समग्र संतुलन को बनाए रखने में इसकी आवश्यक भूमिका के बारे में जागरूक किया गया।
जीरकपुर : छतबीड़ जू में विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस मनाया गया। इस कार्यक्रम में प्रकृति संरक्षण के महत्व और पृथ्वी पर जीवन का समर्थन करने और ग्रह के समग्र संतुलन को बनाए रखने में इसकी आवश्यक भूमिका के बारे में जागरूक किया गया। कार्यक्रम में डॉ. रणजीत कौर ने पौधरोपण के महत्व, विभिन्न औषधीय पौधों के प्रसार की विधि, इसके लाभ और स्वस्थ जीवन शैली के लिए इसके उपयोग पर जोर दिया। पर्यटकों को औषधीय पौधे वितरित किए गए। इस कार्यक्रम में ई.आई.ए.सी.पी. के सूचना अधिकारी धीरेंद्र चौहान और सूचना प्रौद्योगिकी अधिकारी दिनेश सैनी ने भी सक्रिय रूप से भाग लिया।
जू की फील्ड डायरैक्टर कल्पना ने बताया कि यह दिन एक स्थिर और स्वस्थ समाज को बनाए रखने के लिए स्वस्थ पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण की आवश्यकता पर जोर देता है। विलुप्त होने के खतरे का सामना करने वाले पौधों और जानवरों को बचाना विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस के प्राथमिक लक्ष्यों में से एक है। इसके अलावा विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस भावी पीढिय़ों के लिए पर्यावरण के संरक्षण की आवश्यकता को रेखांकित करता है। इसलिए हमें अपने बाद आने वाले लोगों के आनंद के लिए एक स्वस्थ ग्रह छोडऩे की आवश्यकता है।
तेजी से औद्योगिकीकरण की खोज और बढ़ती आबादी के लिए जगह बनाने के लिए वन क्षेत्र में कटौती ने जलवायु परिवर्तन और अन्य पर्यावरणीय प्रभावों को जन्म दिया है। कुछ वर्षों में पर्यावरण संरक्षण के बारे में जागरूकता जितनी बढ़ी है, सकारात्मक कदमों के परिणाम दिखाने में अभी भी काफी समय बाकी है। हाल के दिनों में पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकता अधिक स्पष्ट हो गई है। संसाधनों के निरंतर मानव अति दोहन के कारण असामान्य मौसम पैटर्न, वन्यजीव आवासों का विनाश, प्रजातियों का विलुप्त होना और जैव विविधता का नुक्सान हुआ है।