Edited By ,Updated: 05 Apr, 2016 11:20 AM
मन्त्रणा को गुप्त रखें
मन्त्ररक्षणे कार्य सिद्धिर्भवति।
राजा को चाहिए कि
मन्त्रणा को गुप्त रखें
मन्त्ररक्षणे कार्य सिद्धिर्भवति।
राजा को चाहिए कि किसी समस्या पर मंत्रियों के मध्य किए गए विचार को गुप्त रखे, तभी कार्य सिद्ध हो पाता है। पहले ही भेद खुल जाने से कार्य- सिद्धि में विघ्न पडऩे की संभावना बनी रहती है। शत्रु अथवा विरोधी के लिए बनाई गई योजना को तो सदैव गुप्त ही रखना चाहिए, अन्यथा शत्रु अथवा विरोधी सतर्क हो सकता है।