आत्माओं के संसार का दिलचस्प किस्सा

Edited By ,Updated: 27 Aug, 2015 11:15 AM

article

दुष्ट आत्माओं को अच्छी आत्माओं को देख ईर्षा होने लगी की वह खूबसूरत महलों में वास करती हैं और उन्हें उजाड़ खंडहरों में रहना पड़ता है।

दुष्ट आत्माओं को अच्छी आत्माओं को देख ईर्षा होने लगी की वह खूबसूरत महलों में वास करती हैं और उन्हें उजाड़ खंडहरों में रहना पड़ता है। वह अपनी व्यथा यमराज के पास लेकर गई एवं उनसे न्याय की मांग करने लगी। यमराज कुछ क्षण तक शांत रहे फिर सभी आत्माओं को अपने दरबार में उपस्थित होने के लिए कहा। 

जब सभी आत्माएं आ गई तो यमराज ने कहा, "दुष्ट आत्माओं के कहने पर हमने ऐसी योजना बनाई है की वर्तमान समय पर जहां आत्माएं रह रही हैं उन स्थानों को विनष्ट कर दिया जाएगा। दुष्ट आत्माएं और अच्छी आत्माएं अपने-अपने शहर खुद से बनाएं। इस निर्माण के लिए योजना इस तरह बनाई गई है की धरती पर जब कोई व्यक्ति सच या झूठ बोलेगा उसके अनुसार ईंटों का निर्माण होगा। अब यह आत्माओं पर निर्भर करता है की वह सच बोलने पर ईंटें लेंगी या झूठ बोलने पर।"
 
दुष्ट आत्माएं अपने स्वभाव के अनुरूप बोली, "हम झूठ बोलने वाली ईंटें लेंगे।"
 
इसके पीछे उनकी मंशा थी की धरती पर अधिकतर लोग झूठ ही बोलते हैं। इससे वो बड़े शहर का निर्माण कर सकेंगे। उनकी आशाओं के अनुरूप झूठ की नींव पर शहर जल्दी से बनने लगा। सच की राह पर बनने वाला महल बहुत धीरे-धीरे बन रहा था। थोड़े दिनों बाद अकस्मात से झूठ बोलने वाले महल की सारी ईंटें गायब हो गई और महल पुन: खंडहर में बदल गया। 
 
दुष्ट आत्माओं में हड़कंप मच गया। वह हताश और निराश होकर यमराज के पास गई। यमराज मुस्कराए और बोले," झूठ की बुनियाद पर बना महल ज्यादा देर तक नहीं टिकता। धरती पर जो व्यक्ति झूठ बोल रहे थे उनका झूठ पकड़ा गया इसलिए ईंटें  गायब हो गईं।"
 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!