ओएमआई (OMI) फाउंडेशन के अध्ययन ने भारतीय प्लेटफ़ॉर्म श्रमिकों के लिए विस्तृत सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के बारे में बताया

Edited By Varsha Yadav,Updated: 21 Mar, 2024 02:44 PM

omi foundation study social security schemes for indian platform workers

अन्तर्राष्ट्रीय मौद्रिक कोष  के कार्यकारी निदेशक और भारत सरकार के 17वें मुख्य आर्थिक सलाहकार (2018-21) प्रोफेसर कृष्णमूर्ति वी. सुब्रमण्यन ने आज ओएमआई फाउंडेशन की रिपोर्ट ‘सोशल प्रोटेक्शन इन इंडियाज़ प्लेटफ़ॉर्म इकोनॉमी: अनपैकिंग सप्लाई डायनामिक्स’...

नई दिल्ली। अन्तर्राष्ट्रीय मौद्रिक कोष  के कार्यकारी निदेशक और भारत सरकार के 17वें मुख्य आर्थिक सलाहकार (2018-21) प्रोफेसर कृष्णमूर्ति वी. सुब्रमण्यन ने आज ओएमआई फाउंडेशन की रिपोर्ट ‘सोशल प्रोटेक्शन इन इंडियाज़ प्लेटफ़ॉर्म इकोनॉमी: अनपैकिंग सप्लाई डायनामिक्स’ का अनावरण किया। 10 माह लंबे अध्ययन द्वारा तैयार की गई इस रिपोर्ट में भारत में प्लेटफ़ॉर्म श्रमिकों को उपलब्ध विभिन्न तरह के सामाजिक सुरक्षा लाभों के बारे में बताया गया है। इसमें 10 प्रमुख प्लेटफॉर्म्स के बारे में विस्तृत परिदृश्य पेश किया गया है, जिनका सामूहिक राजस्व  वित्तीय वर्ष 2023 में 56.4 हजार करोड़ रुपये से अधिक रहा। इन 10  प्लेटफॉर्म्स से 45.5 लाख से अधिक श्रमिक जुड़े हैं। इसके अलावा, इस रिपोर्ट में भारत सरकार के श्रम और रोजगार मंत्रालय के अंतर्गत काम करते हुए श्रमिकों के कल्याण की देखरेख करने वाली दो सरकारी संस्थाओं  और दो कार्यबल प्रदाता के इंटरव्यू से मिली महत्वपूर्ण जानकारी भी दी गई है।

 

यह रिपोर्ट ‘राष्ट्रीय संवाद: प्लेटफ़ॉर्म अर्थव्यवस्था में सामाजिक सुरक्षा और सस्टेनेबल कल्याण’ में पेश की गई। इस कार्यक्रम में नीति निर्माताओं, सामाजिक सुरक्षा विशेषज्ञों, बहुपक्षीय संगठनों, श्रमिकों के प्रतिनिधियों और उद्योग व शिक्षा जगत के सदस्यों ने हिस्सा लिया। उन्होंने भारत की प्लेटफ़ॉर्म अर्थव्यवस्था में एक सस्टेनेबल सामाजिक सुरक्षा स्थापित करने के अवसरों और चुनौतियों पर विचार-विमर्श किया। प्लेटफ़ॉर्म पर काम करने को एक विशिष्ट श्रेणी मानते हुए भारत के सामने सामाजिक सुरक्षा के प्रतिमानों को फिर से परिभाषित करने का अवसर है।

 

इस राष्ट्रीय वार्ता में मौजूद गणमान्य लोगों ने माना कि प्लेटफ़ॉर्म अर्थव्यवस्था अभी शुरुआती दौर में है और तेजी से विकसित हो रही है। यह आजीविका निर्माण का एक संभावनपूर्ण इंजन पेश करती है। एक सस्टेनेबल सामाजिक सुरक्षा इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए व्यवसाय, राजस्व और श्रमिक से जुड़ाव के मॉडल की भिन्नताओं को पहचाना जाना जरूरी है। इसके लिए केंद्र और राज्य सरकारों के बीच समन्वित प्रयासों और उद्योग एवं श्रमिकों के बीच साझा जिम्मेदारियों की आवश्यकता है। सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 (सीओएसएस 2020) सामाजिक सुरक्षा के लिए साझा जिम्मेदारी का भी समर्थन करती है।

 

ओएमआई (OMI) फाउंडेशन के इन प्रयासों की सराहना करते हुए, प्रो. कृष्णमूर्ति वी. सुब्रमण्यन ने कहा, “यह रिपोर्ट प्लेटफ़ॉर्म श्रमिकों को उपलब्ध मौजूदा सामाजिक सुरक्षा लाभों के बारे में बताते हुए एक प्रभावशाली और सस्टेनेबल व्यवस्था के विकास की जानकारी देने के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन है। सामाजिक सुरक्षा की ओर वैश्विक दृष्टिकोणों के तुलनात्मक विश्लेषण से भारत को अपना रास्ता खुद बनाने की जरूरत को बल मिलता है। इस रिपोर्ट में इनोवेशन और नीतियों की मदद से सामूहिक कल्याण और समृद्धि के लिए सामाजिक विश्वास और बाजार की शक्तियों का तालमेल बनाने की हमारी परंपरा पर जोर दिया गया है।”

 

ओएमआई (OMI) फाउंडेशन की कार्यकारी निदेशक, ऐश्वर्या रमन ने प्लेटफ़ॉर्म श्रमिकों के लिए विस्तृत और उपयोगी सामाजिक सुरक्षा को वहन करने की क्षमता के लिए नए युग की और सहयोगपूर्ण रणनीतियों पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “डिजिटल टेक्नोलॉजी और इनोवेटिव सामाजिक सुरक्षा समाधानों की मदद से भारत में श्रमिकों के लिए सस्टेनेबल और समावेशी लाभ संभव बनाया जा सकता है। इसके लिए एक ऐसा सामाजिक सुरक्षा ढांचा तैयार करना होगा, जो श्रमिकों का कल्याण बढ़ाए और व्यवसायों के लिए अनुकूल वातावरण का निर्माण करे। यह तालमेल बनाकर हम भारत में प्लेटफ़ॉर्म अर्थव्यवस्था का एक मॉडल तैयार कर सकते हैं जो न केवल घरों को लाभ पहुँचाए, बल्कि विश्व के दक्षिणी हिस्से के लिए एक एक मॉडल के रूप में भी काम करे।” 

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