Edited By Niyati Bhandari,Updated: 21 Oct, 2019 07:43 AM
आज 21 अक्टूबर, सोमवार को कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन अहोई अष्टमी और कालाष्टमी का पर्व मनाया जाएगा। ब्रज भूमी में राधा कुंड स्नान का तो विशेष महत्व है। इस शुभ मौके पर सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है।
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
आज 21 अक्टूबर, सोमवार को कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन अहोई अष्टमी और कालाष्टमी का पर्व मनाया जाएगा। ब्रज भूमी में राधा कुंड स्नान का तो विशेष महत्व है। इस शुभ मौके पर सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। चंद्रमा पुष्य नक्षत्र योग, साध्य सर्वार्थ सिद्धि योग शाम 5:33 से आरंभ होकर कल यानि 22 अक्टूबर के दिन 6:22 तक रहेगा। अहोई अष्टमी का सारा दिन चंद्रमा पुष्य नक्षत्र में मनाया जाएगा। जो संतान की रक्षा के लिए सर्वोत्तम रहने वाला है।
अहोई अष्टमी का व्रत महिलाएं अपनी संतान की मंगल कामना के लिए करती हैं। इस व्रत के प्रभाव से संतान को संसार का हर सुख मिलता है और आयु लंबी होती है। इस व्रत की पूजा सूर्यास्त के बाद की जाती है। तारों को अर्घ्य देने के बाद पूजा पूरी होती है। कहते हैं इस दिन से दीपावली के उत्सवों का आरंभ हो जाता है।
शुभ मुहूर्त
अहोई अष्टमी की तिथि आरंभ: 21 अक्टूबर की सुबह 6:44 मिनट से
तिथि समाप्त: 22 नवंबर की सुबह 5:25 मिनट पर
अहोई माता की पूजा का शुभ मुहूर्त: 21 अक्टूबर की शाम 5:42 से शाम 6:59 मिनट तक
तारों को देखने का शुभ समय: 21 अक्टूबर की शाम 6:10 बजे से आरंभ
चंद्रोदय का समय: 21 अक्टूबर की रात 11:46 मिनट तक
जिद्दी बच्चे को सुधारने के लिए करें ये उपाय
अगर आपके बच्चे जरूरत से ज्यादा शैतान हों, वह किसी का कहना नहीं मानते हों अथवा स्वभाव से बहुत जिद्दी हों तब दुकान से 100 ग्राम खसखस ले आएं। उस खसखस को 24 दिन तक गायत्री मंत्र के नित्य 1 माला जप से अभिमंत्रित कर लें या किसी विद्वान से करवा लें। अब वह खसखस उसे हर सब्जी में 24 दिन तक छौंक कर खिलाएं। यह सब्जी घर में सभी सदस्य भी खा सकते हैं। इस प्रयोग से बालक का जिद्दीपन धीरे-धीरे ठीक होने लगेगा। यदि आवश्यकता हो तब यह प्रयोग एक बार और भी दोहराया जा सकता है।