Edited By Niyati Bhandari,Updated: 30 Oct, 2023 09:01 AM
जम्मू (कमल) : अमरनाथ यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए एक खुशखबरी है। केंद्र सरकार ने अमरनाथ गुफा तक सड़क बनाने का जो प्रोजैक्ट शुरू करवाया था उस पर तेजी से काम हो रहा
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जम्मू (कमल) : अमरनाथ यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए एक खुशखबरी है। केंद्र सरकार ने अमरनाथ गुफा तक सड़क बनाने का जो प्रोजैक्ट शुरू करवाया था उस पर तेजी से काम हो रहा है। बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (बी.आर.ओ.) का पूरा अमला बाबा बर्फानी की पवित्र गुफा के समीप सड़क बनाने के लिए युद्धस्तर पर काम कर रहा है। जल्द ही अमरनाथ के यात्रियों के लिए बड़ा और बेहतर ट्रैक बनकर तैयार हो जाएगा। गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें सामने आई हैं जिनमें दिख रहा है कि बी.आर.ओ. के वाहन पवित्र गुफा के पास पहुंच गए हैं।
सूत्रों के अनुसार समुद्र तल से करीब 3,888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ की पवित्र गुफा तक पहुंचाने वाली सड़क जल्द तैयार हो जाएगी। 5,300 करोड़ की लागत से इस परियोजना का कार्य पूरा होने के बाद श्रद्धालुओं को यात्रा मार्ग पर फिसलन और भूस्खलन जैसी चुनौतियों से मुक्ति मिल जाएगी। साथ ही 3 दिन की अमरनाथ यात्रा अब मात्रा 8-9 घंटे में पूरी हो सकेगी।
बालटाल से पवित्र गुफा तक 9 कि.मी. लंबा रोपवे बनाने की योजना
परियोजना के तहत बालटाल से पवित्र गुफा तक 750 करोड़ में 9 किलोमीटर लंबा रोपवे बनाने की भी योजना है। इसकी भी डी.पी.आर. अगले महीने तक बनाने की बात कही जा रही है। यही नहीं, पहलगाम के साथ-साथ बालटाल के दोनों किनारों पर भगवान शिव की पवित्र गुफा तक मार्गों को चौड़ा करने का काम किया जा रहा है। इस प्रोजैक्ट को जल्द पूरा करने के लिए बी.आर.ओ. के ट्रक और छोटे पिकअप वाहन पवित्र गुफा तक पहुंच गए हैं।
शेषनाग और पंचतरणी के बीच बनाई जाएगी 10.8 कि.मी. लंबी सुरंग
चंदनबाड़ी से पवित्र गुफा तक के मार्ग पर शेषनाग और पंचतरणी के बीच 10.8 कि.मी. लंबी सुरंग बनाई जाएगी ताकि तीर्थ यात्रियों को खराब मौसम में सुरक्षित और निर्बाध यात्रा मिल सके। इसके अलावा पंचतरणी से पवित्र गुफा तक चौड़ी पक्की सड़क बनाई जा रही है और बालटाल रूट सैक्शन पर भी काम चल रहा है। पिछले साल जुलाई के महीने में अमरनाथ यात्रा के कुछ ही दिनों बाद अमरनाथ की पवित्र गुफा के पास बादल फटने की घटना हुई थी। श्री बाबा अमरनाथ की पवित्र गुफा के निकट बादल फटने के बाद लापता लोगों को बचाने के लिए भारतीय सेना ने दिन-रात अथक प्रयास किया और राहत अभियान चलाया।