Edited By Lata,Updated: 20 Jan, 2020 02:04 PM
हमारे शास्त्रों में जन्म से लेकर मृत्यु तक व शुभ कार्य से लेकर अशुभ काम तक को करने के लिए शुभ समय
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हमारे शास्त्रों में जन्म से लेकर मृत्यु तक व शुभ कार्य से लेकर अशुभ काम तक को करने के लिए शुभ समय व मुहूर्त का ध्यान रखने की बात कही गई है। कहते हैं कि व्यक्ति के जन्म समय का ध्यान इसलिए रखा जाता है ताकि उसके आने वाले जीवन के बारे में पता लगाया जा सके। इसी तरह ज्योतिष के अनुसार कृष्ण चतुर्थी को जन्म लेने वाला जातक कई परेशानियों से सामना करता है, लेकिन वह अपने आत्मबल से जीत हासिल कर ही लेता है तो आइए जानते हैं इस तिथि में जन्में व्यक्ति कैसे होते हैं।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कृष्ण चतुर्थी को 6 भागों में बांटा गया है। प्रथम भाग में जन्म होने पर शुभ होता है, द्वितीय भाग में जन्म हो तो पिता का नाश, तृतीय भाग में जन्म हो तो माता का नाश, चतुर्थ भाग में जन्म हो तो मामा का नाश, पंचम भाग में जन्म हो तो कुल का नाश, छठे भाग में जन्म हो तो धन का नाश या जन्म लेने वाले खुद का नाश होता है।
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उपाय
इस दोष के निवारण के लिए भगवान गणेश की पूजा करें या सोमवार का व्रत रखकर शिवजी की पूजा करें।
मंगलवार या फिर कोशिश करें कि हर दिन हनुमान चालीसा का पाठ करें।
कहते हैं कि ऐसे व्यक्ति को महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते रहना चाहिए और साथ ही बताया जाता है कि अगर आप दक्षिणमुखी मकान में रहते हैं तो उसका त्याग कर देना चाहिए।
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ऊपर बताया गया ज्योतिष की मान्यता के अनुसार सार है, लेकिन इसमें सिर्फ चतुर्थी के जन्म पर आधारित उपरोक्त वर्णन नहीं है। कुंडली को देखकर ही सभी तय किया जा सकता है।