Edited By ,Updated: 06 Feb, 2017 09:02 AM
राजनीति और अर्थशास्त्र के पितामाह आचार्य चाणक्य बुद्धिमान व्यक्ति थे। उन्होंने अपने ज्ञान को स्वयं तक सीमित नहीं रखा बल्कि ज्ञान को चाणक्य नीति में लिखकर
राजनीति और अर्थशास्त्र के पितामाह आचार्य चाणक्य बुद्धिमान व्यक्ति थे। उन्होंने अपने ज्ञान को स्वयं तक सीमित नहीं रखा बल्कि ज्ञान को चाणक्य नीति में लिखकर अपनी आने वाली पीढ़ियों को भी दिया। चाणक्य नीति में इसी ज्ञान का समावेश है। चाणक्य ने यहां व्यवहारिक जीवन से जुड़ी कई बातें बताई हैं। जिन पर अमल करने से व्यक्ति का जीवन खुशहाल बनता है। चाणक्य के अनुसार राष्ट्र की रक्षा के लिए दंडनीति का होना आवश्यक है।
दंडनीत्यामायत्तमात्मरक्षणम्।
भावार्थ:राष्ट्र की सुरक्षा और आत्मगौरव की सम्मानजनक रक्षा के लिए दंडनीति का होना परम आवश्यक है। इससे विद्रोही सिर उठाने का साहस नहीं कर पाते।