Edited By Jyoti,Updated: 20 Aug, 2018 12:28 PM
आचार्य चाणक्य देश के उन विद्वानों में से एक माने गए हैं, जिन्होंने अपने ज्ञान के बल-बूते पर इतिहास के पन्नों पर अपना नाम दर्ज किया।
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आचार्य चाणक्य देश के उन विद्वानों में से एक माने गए हैं, जिन्होंने अपने ज्ञान के बल-बूते पर इतिहास के पन्नों पर अपना नाम दर्ज किया। इतना ही नहीं इनकी बातें इतनी लाभदायक थी कि इन्होंने चाणक्य नीति की नाम की पुस्तक रची जिसमें मानव जीवन से संबंधित हर वो बात पढ़ने को मिलती है, जो उसके जीवन को बेहतर बना सकती हैं। तो आईए जानते हैं चाणक्य की एक एेेसी नीति जिसमें उन्होंने बताया है कि कैसे लोग धर्म के दुश्मन कहलाते हैं।
श्लोक-
तद्विपरोऽनर्थसेवी।
अर्थात-
जो व्यक्ति धर्म और अर्थ की वृद्धि में रुकावट डालने वाले काम का दास बन जाता है, उसकी सदा ही हानि होती है अर्थात काम को धर्म और अर्थ का विरोधी नहीं होना चाहिए।
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