Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Aug, 2017 11:24 AM
गर्भावस्था में स्त्री को बहुत सारी बातों का ध्यान रखना पड़ता है। स्त्री की हर गतिविधि का शिशु पर असर पड़ता है। तभी स्त्री को गर्भावस्था में अच्छे विचार अौर
गर्भावस्था में स्त्री को बहुत सारी बातों का ध्यान रखना पड़ता है। स्त्री की हर गतिविधि का शिशु पर असर पड़ता है। तभी स्त्री को गर्भावस्था में अच्छे विचार अौर सावधानी रखने को कहा जाता है। मेडिकल साइंस ही नहीं अपितु वास्तु शास्त्र में भी गर्भवती महिला के लिए कुछ नियम बताए गए हैं। जिनका पालन करने से संस्कारी अौर सौभाग्यशाली बच्चे का जन्म होता है।
वास्तु के अनुसार गर्भवती स्त्री को भूलकर भी दक्षिण दिशा में नहीं सोना चाहिए। इस दिशा में सोना अशुभ माना जाता है, इससे गर्भवती महिला के स्वास्थ पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
जो कमरा सीढ़ियों के नीचे होता है, वहां नकारात्मक ऊर्जा हो सकती है। गर्भवती स्त्री को ऐसे किसी भी कमरे में नहीं रहना चाहिए।
गर्भवती स्त्री को गहरे रंग खासकर लाल भूरे या काले रंग के वस्त्र नहीं पहनने चाहिए। उसे 9 महीने तक हल्के रंग जैसे नीले गुलाबी कपड़े पहनने चाहिए।
गर्भवती महिला को इलैक्ट्रानिक चीजों जैसे कंप्यूटर अौर लैपटॉप से दूरी बनाकर रखनी चाहिए।
जिस घर में गर्भवती महिला रहती है, वहां घर के मध्य भाग को खाली रखना चाहिए। भारी फर्नीचर या अन्य सामान वहां होने से नकारात्मक ऊर्जा हो सकती है।
इसके अतिरिक्त जिस कमरे की दीवारों पर गहरा रंग किया हो या जहां कम रोशनी हो वहां पर भी गर्भवती महिला को नहीं बैठना चाहिए। उसे ऐसे स्थान पर रहना चाहिए जहां प्रकाश अौर प्राकृतिक शुद्ध हवा हो।