Edited By Jyoti,Updated: 18 May, 2021 02:05 PM
आज यानि वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को गंगा सप्तमी का पर्व मनाया जा रहा है। धार्मिक मान्यताएं हैं कि इस दिन धरती पर मां गंगा का अवतरण हुआ था।
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आज यानि वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को गंगा सप्तमी का पर्व मनाया जा रहा है। धार्मिक मान्यताएं हैं कि इस दिन धरती पर मां गंगा का अवतरण हुआ था। जिस कारण इस दिन को बेहद खास व पावन माना जाता है। ज्योतिषी बताते हैं कि इस दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व होता है। मान्यताएं प्रचलित हैं कि गंगा सप्तमी के दिन पावन नदी या सरोवर आदि में स्नान करने, तप व दान पुण्य करने से जातक को मोक्ष की प्राप्ति होती है। मगर कई बार जाने अनजाने में बहुत से लोगों द्वारा कुछ ऐसे कार्य हो जाते हैं जिन्हें करने से व्यक्ति को पूजा का फल प्राप्त नहीं होता। तो ऐसे में हर किसी के लिए ये जानना अधिक आवश्यक है कि इस दिन कैसे गंगा मां को प्रसन्न किया जाए। तो वहीं दूसरो ओर बात करें वर्तमान समय की तो जैसे कि सब जानते हैं फिलहाल में कोरोना की दूसरी लहर ने देश में आफत मचा रखी है। ऐसे में हर किसी को अपने घर में रहने की हिदायत दी जा रही है। इसी बात के मद्देनजर हम आपको कुछ ऐसे ही उपाय बताए जाने हैं जिन्हें गंगा घाट जाए बिना भी मां गंगा की कृपा जा सकती है।
अगर प्रातः स्नान न कर पाएं तो शाम के समय स्नान के पानी में गंगा जल मिलाकर नहाएं। मगर ध्यन रहे इस दौरान मन में किसी प्रकार का छल या कपट न आएं। इसके अलावा इस बात का भी खास ध्यान इस दिन ऐसा आचरण न रखें, जो धर्म के विरुद्ध हो।
चूंकि मान्यताएं प्रचलित हैं कि गंगा स्नान से पापों की मुक्ति मिलती है इसलिए लोग गंगा में स्नान करते हैं। परंतु असल में व्यक्ति को अपने मन की मैल को साफ करने के विचार से गंगा स्नान करना चाहिए। इसके अलावा गंगा तट को साफ-सुथरा रखने के प्रयास करें।
गंगा स्नान के बाद गंगा लहरी और गंगा स्त्रोत का पाठ अवश्य करें। मान्यता है इससे आपको मां भागीरथी का आशीर्वाद मिलेगा।
कोरोना की दूसरी लहर से देश में आई तबाही के चलते गंगा घाट पर स्नान करना उचित नहीं है। इसलिए जब भी स्नान करें घर में साधारण पानी में गंगा जल मिलाकर नहां लेें। अगर घर में गंगा जल उपलब्ध न हो तो तुलसी का पत्ता मिला लें।