Edited By Niyati Bhandari,Updated: 06 Apr, 2020 08:20 AM
आज 6 अप्रैल, सोमवार चैत्र शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि है| जो शाम 7:25 तक रहने वाली है तत्पश्चात त्रयोदशी तिथि का आरंभ हो जाएगा| आज दोपहर 2:57 तक
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आज 6 अप्रैल, सोमवार चैत्र शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि है| जो शाम 7:25 तक रहने वाली है तत्पश्चात त्रयोदशी तिथि का आरंभ हो जाएगा| आज दोपहर 2:57 तक माघ नक्षत्र रहने वाला है| इस नक्षत्र के स्वामी केतु हैं और अधिपति देवता पितरों को माना गया है। अपना आज का राशिफल जानने के लिए यहां क्लिक करें।
चैत्र शुक्ल पक्ष की द्वादशी को वामन द्वादशी के नाम से जाना जाता है। कुछ विद्वान इस मंगलमय दिन को मदन द्वादशी भी कहते हैं। दैत्यराज बलि द्वारा देवों को हार के बाद ऋषि कश्यप के कहने पर देवी अदिति पुत्र प्राप्ति हेतु अनुष्ठान करती हैं। विष्णु अदिति के गर्भ से प्रकट होकर बटुक विप्र रूप धारण करते हैं। महर्षि पुलह वामन को यज्ञोपवीत, अगस्त्य मृगचर्म, मरीचि पलाश दण्ड, आंगिरस वस्त्र, सूर्य छत्र, भृगु खड़ाऊं, कुबेर भिक्षा पात्र, गुरु कमण्डल, अदिति कोपीन व सरस्वती रुद्राक्ष माला भेंट करते हैं। वामन बलि के पास जाकर भिक्षा में तीन पग भूमि मांगते हैं। बलि शुक्राचार्य के मना करने पर भी वचन निभाते हुए भूदान देते हैं। वामन एक पग में स्वर्ग व दूसरे में पृथ्वी नाप लेते हैं। तीसरे पग हेतु राजा बलि अपना सिर भगवान के आगे कर देते हैं। वामन बलि को पाताल में साथ रहने का वचन देकर उनका द्वारपाल बनते हैं।
इसके अतिरिक्त आज प्रेम के देवता कामदेव और उनकी पत्नी रति के पूजन का भी विधान है। जो व्यक्ति आज के दिन भगवान शिव की पूजा करता है वो रूपवान होता है एवं उसका दांपत्य जीवन सदा सुखी रहता है।