नवग्रह देंगे साथ, कल करें ये काम

Edited By Aacharya Kamal Nandlal,Updated: 14 Apr, 2018 12:16 PM

how to get benefits of nav grah

रविवार दिनांक 15.04.18 को वैसाख माह के कृष्णपक्ष की चतुर्दशी पर रेवती नक्षत्र चतुष्पादकरण व वैधृति योग है। कृष्णपक्ष की चतुर्दशी तिथि महादेव को समर्पित है। इस योग में महादेव के मातंग रुद्रावतार का पूजन श्रेष्ठ रहेगा। मातंग रुद्रावतार का शारीरिक वर्ण...

रविवार दिनांक 15.04.18 को वैसाख माह के कृष्णपक्ष की चतुर्दशी पर रेवती नक्षत्र चतुष्पादकरण व वैधृति योग है। कृष्णपक्ष की चतुर्दशी तिथि महादेव को समर्पित है। इस योग में महादेव के मातंग रुद्रावतार का पूजन श्रेष्ठ रहेगा। मातंग रुद्रावतार का शारीरिक वर्ण गहरे हरे-नीले रंग का है। यह अपने मस्तक पर अर्ध चन्द्र धारण करते हैं। महादेव का यह स्वरूप भी तीन नेत्रों से युक्त है। शास्त्रों में मातंग रुद्रावतार को शवासन पर विराजमान बताया गया है। मातंग रुद्रावतार गुंजा के बीजों की माला धारण करते हैं। इनका प्रिय रंग लाल है। इनका शारीरिक गठन युवक की भांति पूर्ण व मनमोहक है। यह अपने करकमलों में त्रिशूल, नर कंकाल, खड्ग व अभय मुद्रा धारण करते हैं। 


मातंग रुद्रावतार में इन्हें पशु-पक्षियों का प्रेमी दर्शाया गया है, यह श्मशान में निवास करते हैं तथा तोते इनके साथ रहते हैं। मतंगेश्वर अवतार की शक्ति को महाविद्या देवी मातंगी माना गया है। सनातन धर्म में मतंगेश्वर अवतार को उच्छिष्ट चंडाल रूप में पूजा जाता है। इस स्वरूप में महादेव श्मशान में शव दाह से सम्बंधित कार्य करते हैं। शक्ति संगम तंत्र के अनुसार कालांतर में लक्ष्मी-नारायण कैलाश पर्वत पर शंकर-पार्वती से मिलने गए। लक्ष्मी-नारायण अपने साथ शंकर-पार्वती के लिए खाने के लिए मिष्ठान ले गए व उन्हें भेंट स्वरूप प्रदान किए। शंकर-पार्वती के मिष्ठान को खाते समय झूठा मिष्ठान नीचे धरती पर गिर गया, जिससे श्याम वर्ण वाली दास व दासी का जन्म हुआ जो मतंगेश्वर व मातंगी कहलाए। मतंगेश्वर का जन्म उच्छिष्ट भोजन से हुआ था इसी कारण इन्हें उच्छिष्ट चंडाल नाम से जाना जाता है। मतंगेश्वर महादेव के विशेष पूजन से भक्तों की समस्त अभिलाषाएं पूरी होती हैं। मृत्यु भय से मुक्ति मिलती है व क्रूर ग्रहों के प्रभाव से छुटकारा मिलता है। 


विशेष पूजन: प्रातः काल में शिवलिंग का पंचोपचार पूजन करें। शुद्ध घी का दीप करें, सुगंधित धूप करें, लाल कनेर के फूल चढ़ाएं, रक्त चंदन से त्रिपुंड बनाएं, सेब का फलाहार चढ़ाएं और गुड़ का भोग लगाएं तथा इस विशेष मंत्र को 108 बार जपें। इसके बाद फल किसी गरीब को बांट दें। 


विशेष मंत्र: ह्रीं मतंगेश्वराय नमः॥


उपाय
मृत्यु भय से मुक्ति के लिए शिवलिंग पर गुड़ की चाशनी चढ़ाएं।


समस्त अभिलाषाओं की पूर्ति के लिए शिवलिंग पर आम का रस चढ़ाएं।


क्रूर ग्रहों के प्रभाव से छुटकारे के लिए शिवलिंग पर चढ़े नवधान पक्षियों को डालें।


आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!