परेशानियों से घबराएंगे तो जीवन में नई बुलंदियों को नहीं छू पाएंगे

Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Jan, 2018 05:37 PM

if you get nervous with problems will not be able to touch new heights in life

प्राचीन समय की बात है, एक राजा का दरबार लगा हुआ। तभी राजा के दरबार में राजकवि ने प्रवेश किया। उसना आगमन होते ही पूरा दरबार उनके सम्मान में खड़ा हो गया। राजा ने भी राजकवि को प्रणाम करते हुए उनका स्वागत किया।

प्राचीन समय की बात है, एक राजा का दरबार लगा हुआ। तभी राजा के दरबार में राजकवि ने प्रवेश किया। उसना आगमन होते ही पूरा दरबार उनके सम्मान में खड़ा हो गया। राजा ने भी राजकवि को प्रणाम करते हुए उनका स्वागत किया। भरे दरबार में राजकवि ने राजा को आशीर्वाद देते हुए उनसे कहा, आपके शत्रु चिरंजीव हो।

इतना सुनते ही पूरी सभा दंग रह गई। यह विचित्र सा आशीर्वाद सुनकर राजा भी चकित हो गया और उन से नाराज भी हो गया लेकिन उन्होंने अपने क्रोध पर नियंत्रण रखा। इस बात को वहां उपस्थित सभी लोगों ने भांप लिया। वहां कई दरबारी ऐसे भी थे, जो राजकवि की प्रतिभा, रुतबे और व्यक्तित्व से जलते थे। वे मन ही मन प्रसन्न हो गए कि और सोचने लगे कि अब राजकवि राजा की नजरों से गिर जाएंगे और उनका महत्व भी कम हो जाएगा। हो सकता है राजा उन्हें दंडित भी करें। राजकवि ने भी इस बात को ताड़ लिया कि राजा उनकी बात सुनकर नाराज हो गए है। उन्होंने तुरंत कहा, “महाराज क्षमा करें। मैंने आपको कुछ दिया, पर आपने लिया नहीं।”


राजकवि का यह सवाल सुनकर राजा चौंक गए। उन्होंने पूछा- बताइए राजकवि महोदय। कौन सी चीज?

राजकवि बोले, मैंने आपको आशीर्वाद दिया पर आपने लिया नहीं।

राजा ने कहा, कैसे लूं मैं आपका आशीर्वाद? आप मेरे शत्रुओं को मंगलकामना दें रहे हैं।

इस पर राजकवि ने समझाया, राजन! मैंने यह आशीर्वाद देकर आपका ही हित चाहा है। आपके शत्रु जीवित रहेंगे, तो आप में बल, बुद्धि, पराक्रम और सावधानी बनी रहेगी।

यह बात आवश्यक है कि राजा को सदा सावधान रहना चाहिए। सावधानी तभी बनी रह सकती है, जब शत्रु का भय हो। शत्रु का भय होने पर ही होशियारी आती है। उसके न रहने पर हम निश्चिंत और लापरवाह हो जाते हैं।

इस प्रकार हे राजन! मैंने आपके शत्रुओं की नहीं, आपकी ही मंगलकामना की है।

राजकवि के आशीर्वाद का मर्म जानकर राजा संतुष्ट हो गए और उनके आशीर्वाद को स्वीकार किया।

जिस प्रकार शत्रु का भय होने पर ही राजा सावधान और वीर बना रह सकता है, उसी प्रकार इंसान भी जीवन में मुश्किल परिस्थितियों और संकट होने पर ही कुछ बन पाते हैं। अगर इंसान की जिंदगी में किसी प्रकार का कष्ट, परेशानी या संकट नहीं होगा तो तय है कि वह निश्चिंत जीवन जीएगा और परिस्थितियों को जस का तस स्वीकार कर लेगा। लेकिन अगर वो संकट, परेशानी और उसके भय को महसूस करेगा तभी वो कुछ नया कर पाएगा। कुछ नया सीख पाएगा और नई बुलंदियों को छू पाएगा।

इसलिए समस्याओं से घबराने और डरने की बजाए आगे बढ़कर उन्हें स्वीकार कीजिए ताकि आप समस्याओं का नया समाधान खोज सके और जीवन में नई बुलंदियों और उन्नति के दरवाजे अपने लिए खोल सकें।

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!