Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Jan, 2018 03:17 PM
अक्सर हम सुनते हैं कि भारत में एेसे कई मंदिर है जहां स्त्रियों का जाना वर्जित है, जहां स्त्रियां का पूजा करना सख्त मना है। लेकिन एेसा नहीं है कि भारत में एेसे नियम सिर्फ महिलाओं का लिए ही बने हुए है।
अक्सर हम सुनते हैं कि भारत में एेसे कई मंदिर है जहां स्त्रियों का जाना वर्जित है, जहां स्त्रियां का पूजा करना सख्त मना है। लेकिन एेसा नहीं है कि भारत में एेसे नियम सिर्फ महिलाओं का लिए ही बने हुए है। देश में कई एेसे भी मंदिर है जहां स्त्री नहीं बल्कि पुरुषों को जाने से मनाही हैं। तो आईए जानें भारत के उन मंदिरों के बारें में जहां पुरुषों को प्रवेश और पूजा की इजाजत नहीं है।
सावित्री मंदिर (पुष्कर)
राजस्थान के पुष्कर तीर्थ में ब्रह्माजी की पत्नी देवी सावित्री का एक मंदिर है, जो रत्नागिरि पर्वत पर स्थित है। इस मंदिर में सिर्फ महिलाओं को प्रवेश को अधिकार है, पुरुषों को इस मंदिर में प्रवेश करने की मनाई है। इसका कारण यह बताया जाता है कि ब्रह्माजी ने पहले से ही एक पत्नी के होते हुए भी दूसरी शादी कर ली थी। जिससे नाराज होकर देवी सावित्री ने ब्रह्माजी को केवल पुष्कर में ही उनका मंदिर होने का शाप दिया था और बाद में रत्नागिरि पर बस गई थीं। इसलिए यहां पर देवी के मंदिर में पुरुषों को प्रवेश की इजाजत नहीं है।
कन्याकुमारी का मंदिर (केरल)
कन्याकुमारी का यह मंदिर वह जगह मानी जाती है, जहां देवी पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए कड़ी तपस्या की थी। इसलिए ही देवी पार्वती के इस मंदिर में पुरुषों को प्रवेश करने की अनुमति नहीं है।
अट्टुल मंदिर (केरल)
इस मंदिर में केरल का प्रसिद्ध अट्टुल पोंगल नामक त्यौहार बहुत धूम-धाम से मनाया जाता है। इस त्यौहार के चलते किसी भी पुरुष का मंदिर में आने की अनुमति नहीं होती।
कमाख्या मंदिर( विशाखापत्तनम)
आध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में कमाख्या देवी का मंदिर है। इस मंदिर परिसर में सिर्फ महिलाओं को पूजा करने का अधिकार है। इतना ही नहीं इस मंदिर की पुजारी भी एक महिला है।