भारत को मंगल-शनि के कारण रहना होगा सावधान

Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Jun, 2017 12:30 PM

india has to be careful due to mars and saturn

ऐसा माना जाता है कि मंगल-शनि की युति या मंगल-शनि का आमने-सामने होकर पूर्ण दृष्टि से देखना शुभ नहीं होता। इस काल खंड में जो बच्चे भी पैदा होते हैं वे

ऐसा माना जाता है कि मंगल-शनि की युति या मंगल-शनि का आमने-सामने होकर पूर्ण दृष्टि से देखना शुभ नहीं होता। इस काल खंड में जो बच्चे भी पैदा होते हैं वे किसी न किसी परेशानी से युक्त होते हैं। माता-पिता के लिए समस्या पैदा करते हैं। आपस में वैचारिक मतभेद होते हैं, वहीं सप्तम भाव में स्थित होकर दाम्पत्य जीवन में कटुता पैदा करते हैं। द्विविवाह का योग बनाते हैं। अष्टम स्थान पर स्थित होकर दुर्घटना या गम्भीर बीमारी देते हैं। द्वितीय भाव से संबंध होने पर मुंह की भयंकर बीमारी देते हैं। गोचर में आने पर देश में उथल-पुथल मचा देते हैं। भूकम्प आने पर इन्हीं ग्रहों का योगदान होता है। 


कारण मंगल भूमि पुत्र है, शनि का संबंध निरीह जनता एवं कृषि से होता है। इनकी युति या दृष्टि का खमियाजा सबसे ज्यादा कृषक, कृषि भूमि निरीह जनता ही उठाती है। जब इनका संबंध राहू या केतु से होता है तो ये षड्यंत्र द्वारा दुर्घटना करवाते हैं या विस्फोट आदि की घटनाएं होती हैं। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण मंगल का मिथुन राशि यानी बुध के घर में शत्रु राशि में स्थित होकर पूर्ण दृष्टि से शनि को देखना है। दोनों ही ग्रह राहु-केतु की पूर्ण दृष्टि में हैं। मंगल के आते ही मध्य प्रदेश में किसान आंदोलन प्रारम्भ होता है, मंगल के कारण हिंसा होती है, कितनों की जानें जाती हैं। आंदोलन के कारण हिंसक होने हेतु हवा दी जाती है, सहारनपुर कांड होता है। इन सबके पीछे षड्यंत्र छिपा होता है।


ज्योतिषशास्त्र आने वाली घटनाओं का पूर्ण विवरण देने में पूर्ण रूप से सक्षम है। इस शास्त्र की रचना ऋषि-महर्षियों ने जन कल्याण हेतु की थी। इसके द्वारा सिर्फ जनमानस का अध्ययन ही नहीं, पर्यावरण, भूमि, वन, जीव-जंतु आदि का भी अध्ययन किया जाता है। व्यावसायिक दृष्टिकोण के लोगों ने इसे भाग्य बदलने का साधन बना दिया जो गलत है। यह शास्त्र सिर्फ मार्गदर्शन का कार्य करता है। इसके द्वारा भाग्य को बदला नहीं जा सकता। इसी कारण जब जनमानस का कार्य सिद्ध नहीं होता तो लोग इसको पाखंड बताने लगते हैं जिससे इस शास्त्र को अपमानजनक स्थिति का सामना करना पड़ता है। जब तक मंगल-शनि एक-दूसरे से दृष्ट होंगे समस्याएं बनती रहेंगी। 


देश के जन नेताओं को इस युति तक विशेष सावधान रहना होगा तथा निम्र बुद्धि के लोगों के षड्यंत्रों से भी सावधान रहना होगा अन्यथा इसका खमियाजा शनि के कारण निरीह जनता उठाती रहेगी। देश में उथल-पुथल मचेगी। जी.एस.टी. का पूर्ण रूप से संकलन किए बिना जल्दबाजी में लागू करना सरकार या देशहित में नहीं होगा। मोदी जी की छवि को धक्का लगेगा। शनि के कारण प्रजातांत्रिक रूप से आगे बढऩा लाभदायक होगा। कारण शनि एक लोकतांत्रिक ग्रह है। सबको साथ लेकर चलता है। क्षमा पर अधिक विश्वास रखता है अन्यथा इसके परिणाम दूरगामी होते हैं। अक्तूबर तक शनि मोदी जी की जन्म राशि पर भ्रमण करेगा। 


इस समय में चीन एवं पाकिस्तान की धोखा नीति से विशेष सावधान रहने की आवश्यकता रहेगी। यह कालखंड अमरीकी राष्ट्रपति ट्रम्प के लिए भी शुभ नहीं है। यह समय अमित शाह के लिए शुभ रहेगा। उनको उनके कामों का अनुकूल लाभ मिलेगा। योगी जी, शिवराज जी को इस समय में षड्यंत्रों से सावधान रहते हुए आगे बढऩा लाभदायक रहेगा। अपनों से विश्वासघात का सामना करना पड़ेगा जो जनमानस में छवि पर धक्का लगाने से चूकेंगे नहीं। अत: हमारे विचार से उपरोक्त समय देश कर्णधारकों को सावधानीपूर्वक व्यतीत करना ही लाभदायक रहेगा अन्यथा इसके दूरगामी परिणाम शुभ नहीं होंगे। कारण भारतवर्ष वर्तमान समय में चन्द्रमा की महादशा में राहू की अंतर्दशा से निकल रहा है।
 

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!