Edited By Prachi Sharma,Updated: 13 Mar, 2024 09:33 AM
एक आदमी बेरोजगारी से दुखी थी। यह देखकर एक चोर को उस पर दया आ गई। वह उस बेरोजगार आदमी के पास गया और बोला, “मेरे साथ चलो, चोरी में बहुत सारा
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Inspirational Context: एक आदमी बेरोजगारी से दुखी थी। यह देखकर एक चोर को उस पर दया आ गई। वह उस बेरोजगार आदमी के पास गया और बोला, “मेरे साथ चलो, चोरी में बहुत सारा धन मिलेगा।” आदमी बेकार बैठे-बैठे परेशान हो गया था इसलिए वह उस चोर के साथ चोरी करने को तैयार हो गया।
अब समस्या यह थी कि उसे चोरी करना आता नहीं था। उसने साथी से कहा, “मुझे चोरी करना तो आता नहीं है फिर कैसे यह काम करूंगा।”
चोर ने कहा, “तुम उसकी चिंता मत करो, मैं तुम्हें सब सिखा दूंगा।”
अगले दिन दोनों रात के अंधेरे में गांव से दूर एक किसान का खेत काटने पहुंच गए। वह खेत गांव से दूर जंगल में था इसलिए वहां रात में कोई रखवाली के लिए आता-जाता न था। लेकिन फिर भी सुरक्षा के लिहाज से उसने अपने नए साथी को खेत की मुंडेर पर रखवाली के लिए खड़ा कर दिया और किसी के आने पर आवाज लगाने को कहकर खुद खेत में फसल चोरी करने पहुंच गया।
नए साथी ने थोड़ी ही देर में अपने साथी को आवाज लगाई, “भाई जल्दी उठो,यहां से भाग चलो...खेत का मालिक पास ही खड़ा देख रहा है।”
चोर ने जैसे ही अपने साथी की बात सुनी वह फसल काटना छोड़ उठ भागने लगा। कुछ दूर जाकर दोनों खड़े हुए तो चोर ने साथी से पूछा, “मालिक कहां खड़ा था ? कैसे देख रहा था ?”
नए चोर ने सहजता से जवाब दिया, “मित्र, ईश्वर हर जगह मौजूद है। इस संसार में जो कुछ भी है उसी का है और वह सब कुछ देख रहा है। मेरी आत्मा ने कहा ईश्वर यहां भी मौजूद है और हमें चोरी करते हुए देख रहा है। इस स्थिति में हमारा भागना ही उचित था। चोर पर बेरोजगार आदमी की बातों का इतना प्रभाव पड़ा कि उसने चोरी करना ही छोड़ दिया।”