Edited By Niyati Bhandari,Updated: 05 Jan, 2021 08:14 AM
लॉरैंस लेम्यूक्स कनाडा के नाविक थे, जिन्होंने दो ओलिम्पिक गेम्स में प्रतिस्पर्धा की। उन्होंने अपनी योग्यताओं को बेहतर बनाने के लिए कड़ी मेहनत की और वे प्रतिस्पर्धाओं में रेसिंग करने लगे। 1988 में वे सियोल ओलिम्पिक में गए,
Inspirational Context: लॉरैंस लेम्यूक्स कनाडा के नाविक थे, जिन्होंने दो ओलिम्पिक गेम्स में प्रतिस्पर्धा की। उन्होंने अपनी योग्यताओं को बेहतर बनाने के लिए कड़ी मेहनत की और वे प्रतिस्पर्धाओं में रेसिंग करने लगे। 1988 में वे सियोल ओलिम्पिक में गए, जहां उनके मैडल जीतने की संभावना उज्ज्वल दिख रही थी।
रेस वाले दिन परिस्थितियां काफी चुनौतीपूर्ण थीं। इसके बावजूद लेम्यूक्स ने शुरूआती बढ़त ले ली लेकिन आठ फुट की लहरों की वजह से दिशा बताने वाले चमकते तैरते संकेतों को देखना असंभव हो गया था और वे एक संकेत चूक गए। उन्हें दोबारा उस चूके हुए संकेत तक आने के लिए विवश होना पड़ा और दोबारा रेसिंग शुरू करनी पड़ी। धीमे होने के बावजूद वे दूसरे स्थान पर पहुंचने में कामयाब हुए और वे अब भी पदक के प्रबल दावेदार लग रहे थे।
जब वे सही दिशा में तेजी से नाव चलाते रहे, तो उन्होंने सिंगापुर के दो लोगों को देखा, जिनकी नाव पलट गई थी। स्थिति को देखते हुए उन्होंने अपनी नाव मोड़ी और सिंगापुर के नाविकों को बचा लिया और उनके साथ तब तक इंतजार किया, जब तक कि कोरिया की नौसेना ने उन्हें सुरक्षित नहीं निकाल लिया।
लेम्यूक्स ने दोबारा रेस शुरू की लेकिन तब तक मैडल जीतने के लिए बहुत देर हो चुकी थी। वे समापन रेखा पर बाइसवें स्थान पर पहुंचे। सम्मान समारोह में अन्तर्राष्ट्रीय ओलिम्पिक कमेटी के प्रैजीडैंट ने लेम्यूक्स को उनके आत्म-त्याग और साहस तथा खेल भावना के लिए पियरे द कूबर्तिन पदक दिया।