Edited By Jyoti,Updated: 01 Jul, 2020 02:37 PM
कोरोना का कहर जिस तरह के लगातार फैलता जा रहा है, हर किसी को अधिक एहतियात बरतने की आवश्यकता लग रही है। इसलिए देश में हर छोटे काम से लेकर बड़े पैमाने तक के कामों में भी कई तरह के बदलाव आए। इसी बीच तमाम धार्मिक यात्राओं पर भी इसका खूब असर हुआ है।
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कोरोना का कहर जिस तरह के लगातार फैलता जा रहा है, हर किसी को अधिक एहतियात बरतने की आवश्यकता लग रही है। इसलिए देश में हर छोटे काम से लेकर बड़े पैमाने तक के कामों में भी कई तरह के बदलाव आए। इसी बीच तमाम धार्मिक यात्राओं पर भी इसका खूब असर हुआ है। जहां एक तरफ इस दौरान कुछ धार्मिक स्थलों को लेकर अच्छी खबरें सामने आ रही हैं तो वहीं कुछ ऐसी खबरें भी आ रही है जो हिंदू धर्म से संबंध रखने वाले लोगों को कहीं न कहीं दुख पहुंचा रही है। हम बात कर रहे हैं हर साल धूम-धाम से मनाए जाने वाले गणपति उत्सव की, जिसे न केवल देश में बल्कि दुुनिया भर के कई कोनों में अधिक धूम-धाम से मनाया जाता है। परंतु संभव है इस बार हिंदू धर्म के इस त्यौहार की धूम देखने को न मिले। खबर है मुम्बई के लालबाग पंडाल की, जहां हर साल बड़ी तादाद में लोग शामिल होते हैं और यहां बहुत बड़े गणपति उत्सव का आयोजन संपन्न होता है। लेकिन कहा जा रहा है अब कोरोना महामारी का असर इस पर भी पड़ता दिखाई दे रहा है। जी हां, बताया जा रहा है महाराष्ट्र के सुप्रसिद्ध गणपति मंडल लालबाग में इस पर गणपति विसर्जन का उत्सव नहीं होगा। इस फैसले को कोरोना को बढ़ते संक्रमण के मद्देनज़र लिया गया है।
महाराष्ट्र की मौज़ूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सभी मंडलों को आदेश दिया कि इस साल गणपति उत्सव उस तरह से नहीं मनाया जाएगा जिस तरह हर साल मनाया जाता है। इसका कारण ये है कि क्योंकि ये हिंदू धर्म के सबसे मुख्य त्यौहारों में से एक है इसलिए इस दौरान लोग बड़ी तादाद में जमा होंगे। इसके अलावना उन्होंने ये भी आदेश दिया कि इस दौरान गणपति जी की मूर्ति की ऊंचाई 4 फीट तक ही रखी जाए।
जिसके बाद गणपति मंडलों ने ये फैसला लिया कि इस दौरान केवल दो मूर्तियां एक बड़ी और एक छोटी बनाई जाएंगी। जिसमें पूजा सिर्फ छोटी मूर्ति की ही की जाएगी। परंतु लालबाग राजा मंडल की एक ही मूर्ति है, यहां छोटी मूर्ति नहीं है, इसलिए पूजा भी बड़ी मूर्ति की ही की जाएगी।
लालबाग मंडल के अधिकारियों ने बताया कि गणपति की लंबाई कम नहीं की जा सकती है. इतना ही नहीं, अगर छोटी मूर्ति भी लाई जाती है तो उसके लिए भी बड़ी तादाद में लोग जमा होंगे। ऐसे में लोगों की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए इस साल न ही कोई मूर्ति होगी, न ही मूर्ति विसर्जन किया जाएगा।
आरोग्य उत्सव के रूप में मनाया जाएगा। गणपति उत्सव
एक तरफ़ जहां लालबाग गणपति मंडल में लोगों को कोरोना के संक्रमण से बचाने के लिए मूर्ति विसर्जन पर रोक दिया तो वहीं दूसरी ओर ये फैसला लिया गया है कि इस दौरान कोरोना प्रभावित लोगों के लिए काम किया जाएगा। लालबाग मंडल इस बार गणपति उत्सव को आरोग्य उत्सव के तौर पर मनाएगा। जिसके तहत प्लाज्मा थेरेपी को प्रमुखता दी जाएगी, साथ ही कोरोना के चलते मृत्यु को प्राप्त हो गए पुलिसकर्मियों के परिवार की मदद की जाएगी।
आपकी जानकारी के लिए बता दें गणपति मंडल कोरोना वायरस के संकटकाल में काफी समय से हेल्थ कैंपेन चला रहा है, साथ ही साथ जनता क्लीनिकऔर ब्लड डोनेशन कैंपेन भी चलाया जा रहा है।
इस पर मंडल के अधिकारियों का कहना है कि लालबाग राजा सभी को स्वस्थ देखना चाहते हैं, यही वजह है कि इस साल न तो कोई मूर्ति होगी, न ही विसर्जन होगा।