Edited By ,Updated: 12 Jan, 2017 03:09 PM
13 जनवरी, शुक्रवार से 10 फरवरी, शुक्रवार तक माघ मास रहेगा। ये एक महीना हिंदू शास्त्रों के अनुसार स्नान, तप, व्रत, आहार-नियम के लिए श्रेष्ठ माना गया है। माघ का महीना श्रीकृष्ण माधव को
13 जनवरी, शुक्रवार से 10 फरवरी, शुक्रवार तक माघ मास रहेगा। ये एक महीना हिंदू शास्त्रों के अनुसार स्नान, तप, व्रत, आहार-नियम के लिए श्रेष्ठ माना गया है। माघ का महीना श्रीकृष्ण माधव को समर्पित है। प्रतिदिन सुबह तारों की छांव में नित्य कार्यों से निवृत होकर पूजन से पूर्व तिल, जल, फूल, कुश अंजली में भरकर संकल्प करें-
ऊं तत्सत् अद्य माघे मासि अमुकपक्षे अमुक-तिथिमारभ्य मकरस्त रविं यावत् अमुकगोत्र (स्वयं का गोत्र बोलें) अमुकशर्मा (स्वयं का उपनाम बोलें) वैकुण्ठनिवासपूर्वक श्रीविष्णुप्रीत्यर्थं प्रात: स्नानं करिष्ये।
फिर प्रार्थना करें-
दु:खदारिद्रयनाशाय श्रीविष्णोस्तोषणाय: च।
प्रात:स्नानं करोम्यद्य माघे पापविनाशनम्।
मकरस्थे रवौ माघे गोविन्दाच्युत माधव।
स्नानेनानेन मे देव यथोक्तपलदो भव।।
दिवाकर जगन्नाथ प्रभाकर नमोस्तु ते।
परिपूर्णं कुरुष्वेदं माघस्नानं महाव्रतम्।
माघमासमिमं पुण्यं स्नानम्यहं देव माधव।
तीर्थस्यास्य जले नित्यं प्रसीद भगवन् हरे।।
यह उपाय करके आप भी पुण्य लाभ पा सकते हैं-
* हरि नाम और कीर्तन करें।
* सत्संग, प्रवचन, माघ महात्म्य तथा पुराण कथाएं सुनें।
* सूर्योदय से पहले स्नान करें।
* नहाने के पानी में गंगा जल मिला लें।
* नहाने के बाद सूर्य को गायत्री मंत्र का उच्चारण करते हुए अर्ध्य दें।
* गर्म वस्तुओं का दान अपनी सामर्थ्य के अनुसार करें।
माघ मास में प्रयाग, काशी, नैमिषारण्य, कुरुक्षेत्र, हरिद्वार तथा अन्य पवित्र तीर्थों और नदियों में स्नान करने से पुण्य प्राप्त होता है। शास्त्र कहते हैं, जो व्यक्ति संपूर्ण माघ माह में विधानपूर्वक भगवान श्रीकृष्ण का पूजन करता है, वह अक्षय पुण्यों का भागी बनता है।