Edited By Niyati Bhandari,Updated: 12 Dec, 2019 07:25 AM
आज 12 दिसंबर, गुरुवार को मार्गशीर्ष या अगहन माह की पूर्णिमा तिथि है। इस पूर्णिमा का महत्व कार्तिक पूर्णिमा के समान ही है इसलिए स्नान, दान और जाप का भी विशेष महत्व है। जो लोग मार्गशीर्ष पूर्णिमा का व्रत करते हैं और
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
आज 12 दिसंबर, गुरुवार को मार्गशीर्ष या अगहन माह की पूर्णिमा तिथि है। इस पूर्णिमा का महत्व कार्तिक पूर्णिमा के समान ही है इसलिए स्नान, दान और जाप का भी विशेष महत्व है। जो लोग मार्गशीर्ष पूर्णिमा का व्रत करते हैं और श्रद्धा से भगवान विष्णु की पूजा और कथा करते हैं, उन्हें अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। शास्त्रों में इसे श्री कृष्ण का माह भी माना गया है। श्रीकृष्ण स्वयं अपने मुख से कहते हैं, 'मैं मार्गशीर्ष माह हूं तथा सत युग में देवों ने मार्ग-शीर्ष मास की प्रथम तिथि को ही साल का प्रारम्भ किया था।' इसे बत्तीसी पूर्णिमा भी कहा जाता है क्योंकि इस दिन किया गया कोई भी शुभ काम अन्य दिनों की तुलना में 32 गुना अधिक फलदायी होता है।
आज अवश्य करें ये काम
शास्त्रों के अनुसार, तुलसी की जड़ की मिट्टी से पवित्र सरोवर में स्नान करने के उपरांत ऊं नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें।
पापों का नाश करने के लिए किसी पवित्र नदी या तीर्थ में स्नान अवश्य करें।
पितरों को तृप्ति के लिए गीता का पाठ करें।
घर में साफ-सफाई करने के बाद सारे घर में गौमूत्र छिड़के। ऐसा करने से घर की नकारात्मकता सकारात्मकता में बदल जाती है।
देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए घर के आंगन में रंगोली बनाएं और मुख्य द्वार पर बंदनवार बांधें।
घर के मंदिर में पवित्रता बनाने के लिए गंगाजल छिड़कें। इससे सभी देवी-देवता प्रसन्न होंगे।
तुलसी के पौधे को प्रणाम करने के बाद तुलसी पत्र तोड़ें और उसे भगवान श्रीहरि विष्णु के भोग में डालें।
शालिग्राम या लड्डू गोपाल जो स्वरुप भी आपके घर में है, उनका अभिषेक करें।
भगवान सत्यनारायण की कथा करें, आरती के बाद प्रसाद बांटें।
ब्राह्मणों को दक्षिणा दें।
पूजा का शुभ समय
आज रात 10:44 तक पूजा कर लें। उसके बाद पूर्णिमा का शुभ समय समाप्त हो जाएगा। ज्योतिष के अनुसार यदि आपकी कुंडली में चंद्र ग्रह की अशुभता चल रही है तो चंद्रमा की पूजा जरुर करें। कन्याओं को वस्त्रों का दान करें।