मासिक शिवरात्रि: इस कथा को पढ़ने मात्र से मिलेगा हर दुख से छुटकारा

Edited By Lata,Updated: 25 Nov, 2019 11:44 AM

masik shivratri

हिंदू धर्म में व्रत और त्योहारों का बड़ा महत्व होता है। वहीं हर दिन के हिसाब से भगवान का पूजन किया जाता है।

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हिंदू धर्म में व्रत और त्योहारों का बड़ा महत्व होता है। वहीं हर दिन के हिसाब से भगवान का पूजन किया जाता है। आज सोमवार के दिन भोलेनाथ की पूजा का दिन है। इसके साथ ही आज मासिक शिवरात्रि का त्योहार मनाया जा रहा है। कहते हैं कि इस दिन लोग भोलेनाथ के पूजन के साथ-साथ माता पार्वती का पूजन भी होता है। ऐसा माना जाता है कि जो लोग इस दिन व्रत नहीं कर पाते वे केवल कथा पढ़ या सुन ले तो लोगों का भाग्य सवर जाता है। मासिक शिवरात्रि से जुड़ी दो कथाएं प्रचलित हैं, चलिए जानते हैं।
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पहली कथा
एक बार भगवान शिव के क्रोध के कारण पूरी पृथ्वी जलकर भस्म होने की स्थिति में थी। उस वक्त माता पार्वती ने भगवान शिव को शांत करने के लिए उनसे प्रार्थना की। तपस्या से प्रसन्न होकर शिव जी का क्रोध शांत होता हैं, तब से कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन उनकी उपासना की जाती हैं और इसे शिवरात्रि व्रत कहते हैं। शिवरात्रि के व्रत से सभी प्रकार के दुखों का अंत होता हैं। संतान प्राप्ति के लिए , रोगों से मुक्ति के लिए शिवरात्रि का व्रत किया जाता हैं।
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दूसरी कथा 
एक बार भगवान विष्णु एवम ब्रह्मा जी के बीच मत भेद हो जाता हैं कि दोनों में से कौन श्रेष्ठ हैं। इस बात को लेकर दोनों के बीच मन मुटाव हो जाता है। तभी शिव जी एक अग्नि के सतम्भ के रूप में प्रकट होते हैं और विष्णु जी और ब्रह्माजी से कहते हैं कि मुझे इस प्रकाश स्तम्भ कोई भी सिरा दिखाई नहीं दे रहा हैं। तब विष्णु जी एवं ब्रह्मा जी को अपनी गलती का अहसास होता हैं और वे अपनी भूल पर शिव से क्षमा मांगते हैं। इस प्रकार कहा जाता हैं कि शिवरात्रि के व्रत से मनुष्य का अहंकार खत्म होता है। मनुष्य में सभी चीजों के प्रति समान भाव जागता हैं। कई तरह के विकारों से मनुष्य दूर होता हैं। 

 
 

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