सोमवार का गुडलक: देवी ब्रह्मचारिणी की कृपा से छात्रों के लिए खुलेंगे सफलता के द्वार

Edited By Aacharya Kamal Nandlal,Updated: 19 Mar, 2018 07:05 AM

सोमवार दी॰ 19.03.18 को चैत्र शुक्ल द्वितीया पर अर्थात नवरात्रि के दूसरे दिन द्वितीय दुर्गा देवी ब्रह्मचारिणी का पूजन किया जाएगा। शब्द ब्रह्मचारिणी का अर्थ है ब्रह्म का आचरण करने वाली देवी।

सोमवार दी॰ 19.03.18 को चैत्र शुक्ल द्वितीया पर अर्थात नवरात्रि के दूसरे दिन द्वितीय दुर्गा देवी ब्रह्मचारिणी का पूजन किया जाएगा। शब्द ब्रह्मचारिणी का अर्थ है ब्रह्म का आचरण करने वाली देवी। मंगल ग्रह पर आधिपत्य रखने वाली ब्रह्मचारिणी साक्षात ब्रह्मत्व स्वरूपा हैं। देवी ब्रह्मचारिणी मनुष्य जीवन की बाल अवस्था रूपी विद्यार्थी को संबोधित करती हैं। प्रकाश निकलते हुए खिलते कमल जैसा इनका ज्योर्तिमय स्वरूप, शांत व निमग्न होकर तप में लीन है। इनके मुखमंडल पर कठोर तप के कारण अद्भुत तेज है। इनके दाएं हाथ में अक्षमाला व बाएं हाथ में कमण्डल है। ध्वल वस्त्र धारण किये हुए गौरवर्णा देवी के कंगन, कड़े, हार, कुंडल व बाली आदि सभी जगह कमल जड़े हुए हैं। ब्रह्मचारिणी स्वरुप पार्वती का वो चरित्र है जब उन्होंने शिव अर्थात ब्रह्म को साधने हेतु तप किया था। 


कालपुरूष सिद्धांतानुसार मंगल प्रधान देवी व्यक्ति की कुंडली के पहले व आठवें घर पर अपनी सत्ता से व्यक्ति की बुद्धि, मानसिकता, सेहत व आयु पर अपना स्वामित्व रखती है। वास्तुशास्त्र के अनुसार इनकी साधना का संबंध मंगल ग्रह की दक्षिण दिशा से है। इनकी साधना का सर्वश्रेष्ठ समय ब्रह्म महूर्त है। देवी ब्रह्मचारिणी की साधना सर्वाधिक रूप से उन लोगों को फलित होती है जिनकी आजीविका का संबंध चिकित्सा, इंजीनियरिंग, मैकेनिकल, सुरक्षा सेवा से है। ब्रह्मचारिणी का पूजन लाल फूल, सिंदूर, गुड से करना चाहिए। इनकी साधना से मूर्ख भी सयाने बनते हैं, साधारण स्टूडैंट को भी डॉक्टर व इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा में सफलता मिलती है व अत्यधिक क्रोध से मुक्ति मिलती है।
 

विशेष पूजन विधि: लाल कपड़े पर देवी ब्रह्मचारिणी का चित्र स्थापित करके विधिवत पूजन करें। आटे के दिए में चमेली के तेल का दीप करें, गुगल धूप करें, लाल फूल चढ़ाएं, सिंदूर चढ़ाएं, गुड़ से बने हलवे का भोग लगाएं व लाल चंदन या मूंगे की माला से इस विशेष मंत्र का 1 माला जाप करें। 


पूजन मुहूर्त: प्रातः 09:30 से प्रातः 10:30 तक।

पूजन मंत्र: ॐ ब्रह्मचारिण्यै देव्यै: नमः॥


आज का शुभाशुभ
आज का अभिजीत मुहूर्त:
दिन 12:05 से दिन 12:52 तक। 
आज का अमृत काल: शाम 17:45 से शाम 19:21 तक।
आज का राहु काल: प्रातः 08:00 से प्रातः 09:29 तक।
आज का गुलिक काल: दिन 13:58 से दिन 15:28 तक। 
आज का यमगंड काल: प्रातः 10:59 से दिन 12:29 तक।


यात्रा मुहूर्त: आज दिशाशूल पूर्व व राहुकाल वास वायव्य में है। अतः पूर्व व वायव्य दिशा की यात्रा टालें।


आज का गुडलक ज्ञान
आज का गुडलक कलर:
श्वेत।
आज का गुडलक दिशा: दक्षिण-पूर्व।
आज का गुडलक मंत्र: ब्रीं ब्रह्मवादिन्यै नमः॥
आज का गुडलक टाइम: रात 20:09 से शाम 21:09 तक। 


आज का बर्थडे गुडलक: कुशाग्र बुद्धि हेतु देवी ब्रह्मचारिणी पर चढ़े सिंदूर से नित्य तिलक करें।


आज का एनिवर्सरी गुडलक: क्रोध से मुक्ति हेतु देवी ब्रह्मचारिणी पर चढ़े गेहूं के दाने कर्पूर से जलाएं।


गुडलक महागुरु का महा टोटका: प्रवेश परीक्षा में सफलता हेतु देवी ब्रह्मचारिणी पर चढ़ा लाल-सुनहरी पेन इस्तेमाल करें।

आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com

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