Edited By Niyati Bhandari,Updated: 13 Oct, 2021 08:12 AM
अष्टमी तिथि पर महागौरी का पूजन किया जाता है। देवी के नौ रूपों में से आठवां रूप देवी महागौरी का है। अपने भक्तों की हर मनोकामना पूरी करने वाली यह देवी सफेद वृष पर सवार चतुर्भुजी हाथ में त्रिशूल डमरू धारण कर वह एक हाथ अभय मुद्रा
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श्वेते वृषे समारूढ़ा श्वेताम्बरधरा शुचिः। महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोदया॥
Navratri Day 8 Maa Mahagauri: अष्टमी तिथि पर महागौरी का पूजन किया जाता है। देवी के नौ रूपों में से आठवां रूप देवी महागौरी का है। अपने भक्तों की हर मनोकामना पूरी करने वाली यह देवी सफेद वृष पर सवार चतुर्भुजी हाथ में त्रिशूल डमरू धारण कर वह एक हाथ अभय मुद्रा और वर मुद्रा में किए हुए अपने भक्तों का कल्याण करती हैं। देवी गौरी के अत्यंत गौर वर्ण के कारण ही उनका नाम महागौरी कहलाया। महादेव के वरदान से देवी को इच्छित वर व सुंदर स्वरूप का वर प्राप्त हुआ था। देवी के वस्त्र व आभूषण सब वस्तुएं ही सफेद रंग से देवी पर शोभायमान रहती हैं। इसी कारण ही देवी की तुलना शंख व चंद्रमा से की गई है। देवी महागौरी की साधना करने वाले भक्तों के पूर्व जन्म के संचित कर्मों से छुटकारा मिलता है। नई एवं अलौकिक शक्तियों का अनुभव होता है। देवी महागौरी की आराधना करने वाले भक्तों को राहु ग्रह से संबंधित दोष का निवारण होता है। राहु ग्रह से संबंधित परेशानियां जैसे कि अचानक धन नुकसान, रोग, एक्सीडेंट दिमागी परेशानियां, कर्ज़ और पीड़ित राहु के कारण खराब ससुराल पक्ष का होना भी अशुभ राहु का ही प्रभाव है। तो नवरात्रि की अष्टमी तिथि पर देवी पूजन से राहु ग्रह के इन प्रभावों से मुक्ति मिलती है या उसकी क्षमता कम हो जाती है।
Maa Mahagauri Puja Vidhi: देश के कई इलाकों पर अष्टमी तिथि पर कन्या पूजन का विधान है और अष्टमी तिथि पर कन्या पूजन करने से व्यापार व परिवार में चल रही परेशानियों से छुटकारा मिलता है। जिन घरों में अष्टमी पूजन होता है। उन घरों में सुख-समृद्धि आती है।
महागौरी देवी का गाय के दूध के साथ अभिषेक करें। दूध से बनी वस्तुओं का देवी को भोग लगाएं। मनवांछित वर की प्राप्ति होती है। धन की आवक भी बढ़ती है।
देवी महागौरी का अष्टमी तिथि पर पूजन करने से स्त्रियों को मनचाहे वर की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही उन्हें यौवन और आकर्षण का वर भी मिलता है।
अष्टमी तिथि पर कन्या पूजन करते समय कच्चे दूध से उनके चरण पखारे। यह उपाय बुध ग्रह चंद्र दोनों ग्रहों को मजबूत करता है। जिससे कि धन आगमन के नए रास्ते खुलते हैं।
नीलम
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