Kundli Tv- नवरात्र की द्वितीया को क्यों पूजी जाती हैं मां ब्रह्मचारिणी

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 11 Oct, 2018 07:34 AM

navratri special

नवरात्र का शुभारंभ हो गया है, सारे भारत में गुजरात से लेकर पश्चिम बंगाल तक इस पर्व को खूब धूम-धाम के साथ मनाया जा रहा है।

ये नहीं देखा तो क्या देखा (देखें VIDEO)
नवरात्र का शुभारंभ हो गया है, सारे भारत में गुजरात से लेकर पश्चिम बंगाल तक इस पर्व को खूब धूम-धाम के साथ मनाया जा रहा है। नवरात्र के नौ दिन नवदुर्गा का पूजन होगा। पहले दिन मां शैलपुत्री के पूजन के बाद दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की आराधना होगी। आइए शास्‍त्रों से जानें दूसरी देवी से जुड़ी कुछ खास बातें। नारद जी के कहने पर पर्वतराज की बेटी पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तप किया था। बहुत साल तपस्या करने के बाद उनका नाम तपश्चारिणी अथवा ब्रह्मचारिणी पड़ा। प्रत्येक वर्ष मां के इस तप को प्रतीक मान कर पूजा जाता है। 
PunjabKesari
ब्रह्मचारिणी देवी का स्वरूप पूर्ण ज्योतिर्मय एवं अत्यन्त भव्य है। ये देवी शांत और निमग्न होकर तप में लीन हैं। मुख पर कठोर तपस्या के कारण तेज और कांति का ऐसा अनूठा संगम है जो तीनों लोको को उजागर कर रहा है। यह स्वरूप श्वेत वस्त्र पहने दाहिने हाथ में जप की माला एवं बायें हाथ में कमंडल लिए हुए सुशोभित है। 

मां जगदम्बे की भक्ति पाने के लिए मां ब्रह्मचारिणी का मंत्र नवरात्र में द्वितीय दिन इसका जाप करना चाहिए।
PunjabKesari

मंत्र :
या देवी सर्वभू‍तेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

अर्थ: हे मां! सर्वत्र विराजमान और ब्रह्मचारिणी के रूप में प्रसिद्ध अम्बे, आपको मेरा बार-बार प्रणाम है। या मैं आपको बारंबार प्रणाम करता हूं।

PunjabKesari

ध्यान मंत्र  :
वन्दे वांच्छितलाभायचन्द्रर्घकृतशेखराम्।
जपमालाकमण्डलुधराब्रह्मचारिणी शुभाम्॥
गौरवर्णास्वाधिष्ठानास्थितांद्वितीय दुर्गा त्रिनेत्राम्।
धवल परिधानांब्रह्मरूपांपुष्पालंकारभूषिताम्॥
पद्मवंदनापल्लवाराधराकातंकपोलांपीन पयोधराम्।
कमनीयांलावण्यांस्मेरमुखीनिम्न नाभि नितम्बनीम्॥

PunjabKesari

स्तोत्र मंत्र  :
तपश्चारिणीत्वंहितापत्रयनिवारिणीम्।
ब्रह्मरूपधराब्रह्मचारिणी प्रणमाम्यहम्॥
नवचक्रभेदनी त्वंहिनवऐश्वर्यप्रदायनीम्।
धनदासुखदा ब्रह्मचारिणी प्रणमाम्यहम्॥
शंकरप्रियात्वंहिभुक्ति-मुक्ति दायिनी।
शान्तिदामानदा,ब्रह्मचारिणी प्रणमाम्यहम्।
PunjabKesari

कवच मंत्र  :
त्रिपुरा में हृदयेपातुललाटेपातुशंकरभामिनी।
अर्पणासदापातुनेत्रोअर्धरोचकपोलो॥
पंचदशीकण्ठेपातुमध्यदेशेपातुमहेश्वरी॥
षोडशीसदापातुनाभोगृहोचपादयो।
अंग प्रत्यंग सतत पातुब्रह्मचारिणी॥

अपने जीवन की कहानी, सुर सम्राट की ज़ुबानी (देखें VIDEO)

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!