Edited By Jyoti,Updated: 15 Dec, 2020 11:13 AM
जोखिम का आकलन करने के लिए हमें इस संभावना को भांपना चाहिए कि हमारे व्यवहार का परिणाम सकारात्मक होगा या नकारात्मक। फिर यह मापें कि इन परिणामों का कितना प्रभाव पड़ेगा।
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जोखिम का आकलन करने के लिए हमें इस संभावना को भांपना चाहिए कि हमारे व्यवहार का परिणाम सकारात्मक होगा या नकारात्मक। फिर यह मापें कि इन परिणामों का कितना प्रभाव पड़ेगा।
अक्सर कोई जोखिम इतना डर जगाता है कि हम इसके या इसके परिणामों के बारे में न सोचने का निर्णय ले लेते हैं। किसी जोखिम के संभावित परिणामों को समझे बिना हम आम तौर पर अंतत: जोखिम भरे विचारों या सपनों से कतराते हैं। हालांकि जोखिम उठाने से घबराना नहीं चाहिए। जोखिम एक विचार प्रक्रिया के रूप में शुरू होता है। चाहे आप कोई नया घर खरीदने के बारे में सोच रहे हों या यह निर्णय ले रहे हों कि अपना सीट बैल्ट लगाना है या नहीं, हर निर्णय में थोड़ा जोखिम शामिल होता है।
जोखिम के बारे में आपके विचार आपके एहसास और अंतत: आपके व्यवहार को प्रभावित करेंगे। जब आप अपनी कार चलाते हैं तो आप यह निर्णय लेते हैं कि कितनी तेज चलना है। आप सड़क पर कार चलाते समय सुरक्षा और कानूनी जोखिमों का सामना करते हैं और आपको इन जोखिमों को अपने समय के साथ संतुलित करना पड़ता है।
सच्चाई यह है कि हम में से ज्यादातर लोग दरअसल यह आकलन करने में ज्यादा समय का निवेश ही नहीं करते हैं कि कौन से जोखिम लेने चाहिएं और किन जोखिमों से बचना चाहिए। इसके बजाय हम अपने निर्णय भावनाओं या आदत के आधार पर लेते हैं।