Edited By Prachi Sharma,Updated: 24 Jan, 2024 07:32 AM
रामचरितमानस में वर्णन है कि शिव से द्रोह करने वाला भगवान विष्णु को बिल्कुल प्रिय नहीं है। भगवान श्रीराम भगवान विष्णु के अवतार हैं। श्रीराम ने भगवान शिव
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पंचकूला (ब्यूरो): “रामचरितमानस में वर्णन है कि शिव से द्रोह करने वाला भगवान विष्णु को बिल्कुल प्रिय नहीं है। भगवान श्रीराम भगवान विष्णु के अवतार हैं। श्रीराम ने भगवान शिव की पूजा की है और शिव भी श्रीराम को अपना आराध्य मानते हैं।” ये उद्गार अनाज मंडी, सैक्टर-20, पंचकूला में दर्शकों से भरे समागम में महाब्रह्मर्षि कुमार स्वामी ने दूसरे दिन प्रकट किए। कुमार स्वामी ने कहा कि भगवान शिव ने माता पार्वती से कहा कि हे देवी, श्रीराम का पाठ अन्य पाठों से लाख गुणा शक्तिशाली है। यह पाठ करते ही तत्क्षण दुखों, कष्टों और पापों से मुक्ति मिल जाती है। इसके प्रभाव से सभी ग्रह दोष समाप्त हो जाते हैं तथा अथाह लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।
भगवान राम ने रावण से युद्ध में विजय प्राप्ति के लिए मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए यज्ञ किया था। उस यज्ञ में 100 कमलों की आहुति दी गई थी। रावण ने माया से एक कमल को लुप्त कर दिया था तब भगवान श्रीराम अपने नेत्र की आहुति देने के लिए तत्पर हो गए थे। इस कृत्य से मां दुर्गा प्रसन्न हुई और प्रकट होकर राम को विजय का आशीर्वाद दिया था। जो भगवान राम का पाठ करता है उसे मां दुर्गा की कृपा स्वतः ही प्राप्त हो जाती है।
समागम में विशेष रूप से हरियाणा विधनसभा के स्पीकर ज्ञानचन्द गुप्ता, पंडित लख्मीचंद स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ परफॉर्मिंग एंड विजुअल आर्ट्स के वी.सी. और महाभारत धारावाहिक में युधिष्ठर की भूमिका निभाने वाले गजेन्द्र सिंह चौहान भी उपस्थित थे।