Edited By Niyati Bhandari,Updated: 07 Feb, 2022 08:35 AM
माघ महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को रथ सप्तमी का त्यौहार मनाया जाता है। इसी दिन सूर्य देव सात घोड़ों के रथ पर संवार होकर प्रकट हुए थे इसलिए इस सप्तमी तिथि को रथ सप्तमी के रूप में मनाया
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Ratha Saptami Muhurta: माघ महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को रथ सप्तमी का त्यौहार मनाया जाता है। इसी दिन सूर्य देव सात घोड़ों के रथ पर संवार होकर प्रकट हुए थे इसलिए इस सप्तमी तिथि को रथ सप्तमी के रूप में मनाया जाता है। इस त्यौहार को सूर्य जयंती के रूप में भी जाना जाता है। इस बार यह पावन पर्व आज यानी 7 फरवरी 2022 को मनाया जायेगा। 7 फरवरी 2022 को सोमवार के दिन सप्तमी तिथि का आरम्भ प्रातः 4 बजकर 40 मिनट से हो गया है और 8 फरवरी प्रातः 6 बजकर 18 मिनट तक यह सप्तमी तिथि रहेगी।
Ratha saptami 2022: इस दिन सूर्य देव का जन्मोत्सव होने के कारण, इस पर्व का विशेष महत्व है क्योंकि वह ही इस धरती लोक के प्रत्यक्ष देवता हैं। आप सभी ने देखा होगा इन्हीं की कृपा से सभी कार्य समपन्न होते हैं चाहे वह अन्न का पकना हो या भोजन को पकाया जाना, चिकित्सा क्षेत्र हो या ऊर्जा निर्माण, बिना इनकी कृपा से मानव जीवन असंभव है। आज के दिन स्नान आदि से मुक्त होकर पानी में थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर उसमें फूल आदि डालकर सूर्योदय के समय जल देना चाहिए और जो जल की धार में से सूर्यदेव के दर्शन करने चाहिए। जो जल नीचे गिर चुका है सीधे हाथ की रिंग फिंगर से उस जल का तिलक लगाना चाहिए। देसी घी के दीपक और लाल फूल, कपूर के साथ सूर्य देव की पूजा करनी चाहिए आरती उतारनी चाहिए।
Ratha saptami 2022 what to do: सूर्य को जल देने का वैज्ञानिक महत्व यह है कि जब हम सूर्य की किरणों को जल में से दर्शन करते हैं तो सूर्य की सप्तरंगी किरणें हमारी आंखों एवं पूरे शरीर पर पड़ती हैं। हमारे शरीर में भी विभिन्न रंगों की ऊर्जाए एवं विद्युत किरणें होती हैं। जिस भी रंग की कमी हमारे शरीर में होती है, सूर्य को जल देने के समय वह किरणें हमारे शरीर को प्राप्त होती हैं। जिससे कि पूरे शरीर को एक सकारात्मक उर्जा प्राप्त होती है। आंखों की पुतलियां काले रंग की होने कारण वह किरणों को ऑब्जर्व कर लेती हैं। जिन रंगों की किरणों की कमी होती है वह पूरी हो जाती हैं। विज्ञान ने भी यह साबित कर दिया है कि पानी पर सूर्य किरणों का प्रभाव बहुत जल्द पड़ता है। इसलिए ही सूर्य को जल दिया जाता है। बैल को गेहूं खिलाने से सूर्य मजबूत होता है एवं दुर्घटनाओं से बचाव होता है और कॉन्फिडेंस भी बढ़ता है।
Magha Saptami: सूर्य की किरणों में रोगों को नाश करने की क्षमता होती है और यह आरोग्य और यश, मान, कीर्ती प्रदान करने वाले देव हैं। इनकी कृपा से पिता-पुत्र को सुख की प्राप्ति होती है। सूर्य ज्ञान का स्वामी होने के कारण विधार्थियों को ज्ञान प्राप्ति के रिसॉर्स प्रदान करने की उर्जा प्रदान करते हैं। सूर्य देव की प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कृपा से शारीरिक एवं मानसिक रोगों का निवारण होता है तथा मानव और प्राणियों को सुख-शांति की अनुभूति प्राप्त होती है।
Ratha Saptami festival: कोई भी इन्सान अपने जन्मोत्सव पर प्रसन्न होता है तो देव आत्माएं भी ऐसे ही प्रसन्न होती हैं। अगर सूर्य देव की प्रत्यक्ष कृपा को प्राप्त करना है तो इस रथ सप्तमी पर सूर्यदेव को प्रसन्न कर कृपा प्राप्त करनी चाहिए।
Sanjay Dara Singh
AstroGem Scientist
LLB., Graduate Gemologist GIA (Gemological Institute of America), Astrology, Numerology and Vastu (SSM)