Edited By Niyati Bhandari,Updated: 07 Mar, 2020 08:37 AM
आज 7 मार्च को फाल्गुन शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि है। शनिवार होने से इस शुभ दिन पर शनि त्रयोदशी का पर्व मनाया जाएगा। कुछ अज्ञानी लोग शनि को हमेशा कष्टकारी व दुख देने वाला ग्रह मानते हैं लेकिन
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आज 7 मार्च को फाल्गुन शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि है। शनिवार होने से इस शुभ दिन पर शनि त्रयोदशी का पर्व मनाया जाएगा। कुछ अज्ञानी लोग शनि को हमेशा कष्टकारी व दुख देने वाला ग्रह मानते हैं लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। शनिदेव तो आपको आपके कर्मों का फल ही देते हैं। कर्मों के हिसाब से सुख या दुख देते हैं। अगर मनुष्य अपना कर्म ही ठीक कर ले तो शनि आपको अच्छे व सर्वश्रेष्ठ फल की प्राप्ति करवा देते हैं। आज के पवित्र दिन पर चर्चा करते हैं शश योग पर, शश योग के जातक जो भी अच्छा कार्य करते हैं, उन्हें पूरी सफलता मिलती है। शनि कृपा से वह समाज में प्रतिष्ठित और धनवान अवश्य बनते हैं।
यदि शनि, मकर राशि या कुंभ राशि या तुला राशि के केंद्र में स्थित हों तथा लग्न बलवान हो तो शश योग का निर्माण होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिनकी कुंडली में शनि पहले, चौथे, सातवें अथवा दसवें घर में अपनी राशि मकर या कुंभ में विराजमान होते हैं, उनकी कुंडली में पंच महापुरुष योग में शामिल एक शुभ योग बनता है। इस योग को शश योग कहा जाता है। यह एक प्रकार का राजयोग कहा जा सकता है। हमारे देश के प्रधानमंत्री रह चुके अटल बिहारी वाजपेयी जी की कुंडली में पंचमहापुरुष योग में से एक शश योग नामक योग ही था।
शश योग वाला जातक परोपकारी, परामर्श देने वाले, गांव के प्रधान, धनी, सुखी तथा सम्मानित व्यक्ति होता है। जब किसी की कुंडली में शनि देव उच्च अवस्था में बैठते हैं तब उनके जीवन में आनंद के योग बनते हैं। व्यक्ति को स्वत: आनंद की वस्तुएं प्राप्त हो जाती हैं। रोजी, कर्म और व्यापार में अच्छी सफलता प्राप्त हो जाती है।
अगर शनि तुला राशि में बैठे हों तब भी यह शुभ योग होता है और इसका फल भी शुभ पाया जाता है। शनि की उच्च राशि तुला ही है। ज्यादातर देखा गया है कि जिसकी कुंडली में यह योग पाया जाता है वह व्यक्ति गरीब परिवार में भी जन्म लेकर धनवान बन ही जाता है। मेष, वृष, कर्क, सिंह, तुला, वृश्चिक, मकर अथवा कुंभ लग्न में जिनका जन्म होता है उनकी कुंडली में इस योग के बनने की संभावना रहती है। अगर आपकी कुंडली में ऐसा योग नहीं बन रहा है तो चिंता का विषय नहीं है। अगर आपका जन्म तुला या वृश्चिक राशि में हुआ है और कुंडली में शनि बलवान स्थिति में हो तब भी आपको शनिदेव भूमि में राजयोग दे देते हैं।
आपको भवन, भूमि का सुख प्राप्त होगा ही। गुरु की राशि धनु अथवा मीन में शनि प्रथम भाव में बैठे हों तब भी शनिदेव आपको धनवान बना ही देते हैं। शश योग में जन्मा मनुष्य घूमने-फिरने के शौकीन, अपने में मस्त, आनंद लेने वाले और अपनी मेहनत से कार्यों में प्रसिद्धि प्राप्त कर लेता है। जातक की आयु लंबी होती है, चीजों को लेकर उस पर अध्ययन करके उनके रहस्यों को जानने में सफल होता है। राजनीति के क्षेत्र में सफल और ऊंचाइयां पाता है।
शश योग में जन्मा जातक कानूनी दाव-पेंचों का जानकार होने के कारण एक अच्छा वकील भी बन सकता है। आध्यात्मिक क्षेत्र से जुड़े कार्यों में भी प्रयासशील रह सकता है। शश योग वाले जातक बड़े सरकारी अफसर, वकील इत्यादि बन सकते हैं।
अटल बिहारी वाजपेयी जी की कुंडली
तुला लग्न में जन्मे अटल जी का लग्न में ही उच्च का शनि शश योग बना रहा है। इस योग और शनिदेव ने अटल जी को देश का प्रधानमंत्री पद तक दिलवा दिया। कुछ लोगों की धारणा है कि शनि हमेशा बुरा फल देते हैं। परंतु अटल जी के स्वभाव के चलते उनके विरोधी भी उनका सम्मान बड़े आदर और प्रेम से करते थे। यह सब शनिदेव के शश योग की देन है। अगर आपकी कुंडली में यह योग बन रहा है तो मानकर चलिए कि आपको शनिदेव मान-सम्मान यश व बलशाली जरूर बनाएंगे लेकिन शनि की नियति का कारक माना गया है। सही नीति से कार्य करेंगे तो मान कर चलिए यह शश योग आपके जीवन में राजयोग एवं आनंद के सभी अवसर लेकर आएगा। शश योग वाले जातक राजयोगी व भाग्यशाली कहे जाते हैं।