Edited By Jyoti,Updated: 18 May, 2018 09:35 AM
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार शनि देव के गुरु भगवान शंकर ने उन्हें न्यायाधीश का दर्जा प्रदान किया है। अर्थात शनि देव मनुष्य को उसके अच्छे-बुरे कर्मों के हिसाब से फल देते हैं। कहते हैं कि जिस किस पर शनि की टेढ़ी नज़र पड़ जाती है,
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार शनि देव के गुरु भगवान शंकर ने उन्हें न्यायाधीश का दर्जा प्रदान किया है। अर्थात शनि देव मनुष्य को उसके अच्छे-बुरे कर्मों के हिसाब से फल देते हैं। कहते हैं कि जिस किसी पर शनि की टेढ़ी नज़र पड़ जाती है, उसे अपने जीवन में बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता। लेकिन शनि की नज़र के अशुभ होने के पीछे कारण क्या है ये बहुत कम लोगों को पता है। तो आईए जानते हैं शनि देव से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण बातें-
शनि का विवाह एक ऐसी कन्या से हुआ था, जो स्वभाव की बहुत उग्र थी। एक बार शनिदेव की पत्नी पुत्र की लालसा में उनके पास पहुंची लेकिन शनि भगवान की भक्ति में इतने लीन थे कि उन्हें इस बात की अनुभूति ही नहीं हुई। जिससे क्रोधित होकर उनकी पत्नी ने उन्हें शाप दे दिया कि जिस पर आपकी दृष्टि पड़ेगी उसका सबकुछ नष्ट हो जाएगा। यही कारण है कि शनि की नज़र को अशुभ माना जाता है। इसलिए शास्त्रों में कहा गया है कि कभी शनिदेव की प्रतिमा के आंखों में आंखे मिलाकर दर्शन नहीं करने चाहिए, हमेशा नज़रे उनके पैरों की तरफ होनी चाहिए।
अशुभ नजर के संकेत-
शनि की अशुभ छाया का सबसे पहला संकेत पैसों का नुकसान होना।
अचानक से किसी बहुमूल्य वस्तु का बार-बार खोना।
पैरों से जुड़ी किसी बीमारी से ग्रस्त होना।
बनते हुए काम का बिगड़ना।
घर में पालतू जानवर की मृत्यु होना।
बार-बार किसी विवाद में पड़ना और कोर्ट कचहरी के चक्कर लगाना।