Edited By Jyoti,Updated: 05 Sep, 2020 05:39 PM
हर किसी के जीवन में रंगों का अहम महत्व है। प्रत्येक व्यक्ति की इसमें अपनी पसंद होती है। इसी पंसद के हिसाब के लोग कपड़े पहनते हैं बल्कि लोग अपने घर आदि को अपनी मनपसंद रंग करवाते हैं
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हर किसी के जीवन में रंगों का अहम महत्व है। प्रत्येक व्यक्ति की इसमें अपनी पसंद होती है। इसी पंसद के हिसाब के लोग कपड़े पहनते हैं बल्कि लोग अपने घर आदि को अपनी मनपसंद रंग करवाते हैं। लगभग लोगों का ऐसा करने के पीछे कारण होता है अपनी पसंद। बहुत कम लोग होते हैं जो अपने घर-बाहर को वास्तु के अनुसार सजाते हैं। क्योंकि अभी भी ऐसे बहुत से लोग हैं, जिन्हें ये नहीं पता कि हमारे घर में रखे सामान आदि के अलावा घर की दीवारों आदि का रंग भी हमे काफी हद तक प्रभावित करता है। आज हम उन्हीं लोगों के लिए ये जानकारी लाएं हैं, जिन्हें ये नहीं पता कि कैसे वास्तु के अनुसार कैसे रंग हमारे मानव जीवन को प्रभावित करते हैं।
अगर वास्तु शास्त्र की मानें विभिन्न रंगों को वास्तु के तत्वों का प्रतीक माना जाता है। इसमें बताया गया है कि नीला रंग जल का प्रतीक माना जाता है, भूरा पृथ्वी का तथा लाल अग्नि का प्रतीक माना जाता है। इसके अलावा रंगों को धातु, पृथ्वी तथा काष्ठ से जोड़ा गया है।
वास्तु विशेषज्ञ कहते हैं रंग और ध्वनि इस प्रकार की ऊर्जाएं हैं, जिन्होंने प्रकृति और वातावरण के माध्यम से मानव को घेर रखा है। शुभ रंग भाग्योदय कारक होते हैं। तो वहीं कुछ रंगों का मानव जीवन पर बुरा प्रभाव भी पड़ता है। चलिए विस्तारपूर्वक जानते हैं इससे जुड़ी अन्य जानकारी-
वास्तु के मुताबित उत्तर पूर्वी कक्ष में सफ़ेद या बैंगनी रंग का प्रयोग करना चाहिए। कहा जाता है कि इस कक्ष को घर का सबसे पवित्र कक्ष माना जाता है।
दक्षिण-पूर्वी कक्ष में पीले या नारंगी रंग का प्रयोग करना चाहिए, जबकि दक्षिण-पश्चिम कक्ष में भूरे, ऑफ व्हाइट, भूरा या पीला मिश्रित रंग प्रयोग करना अच्छा माना जाता है।
बेडरूम में दक्षिण-पूर्वी दिशा में हो, तो कमरे में हरे रंग का प्रयोग करना चाहिए।
उत्तर पश्चिम कक्ष के लिए सफेद रंग को छोड़कर कोई भी रंग चुन सकते हैं।
आसमानी रंग जल तत्व को इंगित करता है। घर की उत्तरी दीवार को इस रंग से रंगवाना चाहिए।
भवन के मुख्य द्वार का रंग क्रीम कलर, लाल, गुलाबी, हल्का मरून होना शुभ होता है।
भोजन के कमरे का रंग बहुत ही महत्त्वपूर्ण होता है क्योंकि यह वो स्थान होता है जहां पर घर के प्रत्येक सदस्य एक साथ बैठकर भोजन करते हैं। भोजन के कमरे में हल्का हरा, गुलाबी, आसमानी या पीला रंग शुभ फल देता है।
बच्चों के शयनकक्ष का रंग हल्का नीला, हल्का हरा या हल्का स्लेटी होना शुभ होता है।