Edited By Lata,Updated: 29 Jan, 2020 01:30 PM
इस बात से तो सब वाकिफ ही हैं कि वसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती की पूजा का दिन माना जाता है।
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इस बात से तो सब वाकिफ ही हैं कि वसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती की पूजा का दिन माना जाता है। कहते हैं कि इस दिन जो बच्चे पढ़ाई में कमजोर होते हैं, उन्हें पूजा-पाठ करने के लिए कहा जाता है, ताकि उनका मन पढ़ाई में लग सके। वसंत पचंमी केवल हिंदू धर्म ही नहीं बल्कि वास्तु की नजर से भी खास मानी जाती है। आज हम आपको वास्तु शास्त्र में बताए गए कुछ ऐसे टिप्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें आज के दिन करने से आपके बच्चे में एकाग्रता बढ़ने लगेगी।
वास्तु के अनुसार जो विद्यार्थी शिक्षा में कमजोर हैं, आज के दिन 6 मुखी रुद्राक्ष धारण करें। इससे उनकी एकाग्रता बढ़ेगी।
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प्राण प्रतिष्ठा युक्त सरस्वती माता का चित्र बच्चों के कमरे में या फिर उनके स्टडी रूम में रखें।
यदि किसी नवजात बच्चे के जन्म पर सोने की सलाई को शहद में डुबो कर उसकी जीभ पर ओम् लिख दिया जाए तो वह विद्या में प्रवीण होता है और उसकी स्मरण शक्ति अच्छी रहती है।
स्टडी टेबल पर क्रिस्टल या स्फटिक का ग्लोब रखें और उसे दिन में कम से कम 3 बार घुमाएं।
परीक्षा से एक सप्ताह पूर्व छात्र को दही और मीठा खिलाना आरंभ कर दें।
पढ़ाई सदा टेबल कुर्सी पर बैठ कर ही करें और मुख पूर्व या उत्तर या उत्तर -पूर्व की ओर रखें। पीठ के पीछे ठोस दीवार हो, खिड़की नहीं।
कम्प्यूटर आग्नेय कोण अर्थात दक्षिण-पूर्व दिशा और पुस्तकों की अलमारी, दक्षिण-पश्चिम में रखें।
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पढ़ने वाले स्थान के पर्दे, कुर्सी के कवर आदि हल्के हरे रखें, काले या गहरे नीले न हों।